Nobel Prize 2022: फ्रेंच लेखिका एनी एरनॉक्स को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार, सामाजिक असमानता पर चली कलम

फ्रांसीसी लेखिका एनी एरनॉक्स का जन्म वर्ष 1940 में हुआ और नॉमण्डी के छोटे शहर यवेटोट में उनका लालन-पालन कया गया. वे बचपन से ही काफी महत्वाकांक्षी लड़की थीं. उन्होंने अपने लेखन में विभिन्न तरीकों से लिंग, भाषा और वर्गों के आधार पर फैली असमानता का जिक्र किया.

By KumarVishwat Sen | October 6, 2022 5:33 PM

नई दिल्ली : साहित्य के नोबेल पुरस्कार का ऐलान कर दिया गया है. इस साल साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स को दिया गया है. नोबेल समिति के अनुसार, फ्रांस की लेखिकार एन एरनॉक्स को को उनके साहस और नैतिक सटीकता के साथ अपनी यादों की जड़ों को खोदकर सामाजिक प्रतिबंधों को उजागर करने के लिए विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है.

एनी एरनॉक्स का काफी लंबा और कठिन रहा है सफर

बता दें कि फ्रांसीसी लेखिका एनी एरनॉक्स का जन्म वर्ष 1940 में हुआ और नॉमण्डी के छोटे शहर यवेटोट में उनका लालन-पालन कया गया. एरनॉक्स के माता-पिता एक किराने की दुकान और कैफे चलाते थे. वे बचपन से ही काफी महत्वाकांक्षी लड़की थीं. उन्होंने अपने लेखन में विभिन्न तरीकों से लिंग, भाषा और वर्गों के आधार पर फैली असमानता का जिक्र किया. लेखन के क्षेत्र में उनका सफर काफी लंबा और कठिन रहा है. एनी एरनॉक्स ने फ्रेंच सहित अंग्रेजी में कई उपन्यास, नाटक और लेख लिखे हैं. उन्होंने कई फिल्मों की कहानी भी लिखी है.

सलमान रुश्दी के नाम की भी थी चर्चा

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अकादमिक पुरस्कार ऐलान से पहले भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी को इस वर्ष के साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिलने की संभावनाएं थीं. इस वर्ष अगस्त में न्यू यॉर्क में सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया था. यह घटना उस समय हुई जब वे एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने गए हुए थे. सलमान रुश्दी 1988 में लिखे उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस के कारण चर्चा में आए थे. आरोप है कि रुश्दी ने इस उपन्यास में इस्लाम विरोधी टिप्पणियां की हैं. भारत सहित कई देशों में यह उपन्यास प्रतिबंधित है.

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मुक्ति शक्ति में विश्वास

साल 2022 के नोबेल पुरस्कार विजेता एनी एरनॉक्स ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लेखन वास्‍तव में एक राजनीतिक काम है, जो सामाजिक असमानताओं के प्रति हमारी आंखें खोलता है. इस उद्देश्य के लिए वह भाषा का प्रयोग ‘चाकू’ के रूप में करती है, जिससे कि वह कल्पना के पर्दों को उठा सकें. नोबेल कमेटी ने कहा कि एनी लेखन की मुक्ति शक्ति में विश्वास करती हैं. उनका काम तुलना से परे है और साधारण भाषा में लिखा साफ-सुथरा साहित्‍य है.

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