US के पास टैलेंट नहीं… बाहर से लोगों को बुलाना ही पड़ेगा, एच-1बी वीजा पर सॉफ्ट हुए डोनाल्ड ट्रंप! देखें वीडियो

Donald Trump latest on H-1B Visa: एच1-बी वीजा पर शुल्क बढ़ोतरी करने और इमिग्रेशन पॉलिसी कड़ी करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब थोड़ा नरम पड़ते दिख रहे हैं. उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका के पास हर टैलेंट नहीं हैं. अपनी औद्योगिक और तकनीकी बढ़त बनाए रखने के अमेरिका को विदेशी प्रतिभा को बुलाना आवश्यक है.

By Anant Narayan Shukla | November 12, 2025 2:07 PM

Donald Trump latest on H-1B Visa: मेक अमेरिका ग्रेट अगेन, एच1 बी वीजा हमारी नौकरी खा रहा है, इमिग्रेशन खराब है. डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी कैंपेन में इन नारों की भरमार रही. 2024 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को इसका फायदा भी मिला और उन्होंने भारी जीत दर्ज की. 2025 में अमेरिका के राष्ट्रपति की शपथ लेते ही ट्रंप ने इस पर काम भी करना शुरू कर दिया. दूसरे देशों से व्यापार सामंजस्य के तहत उन पर टैरिफ लगाया. एच1-बी वीजा पर शुल्क बढ़ोतरी कर दी और इमिग्रेशन पॉलिसी कड़ी कर दी. लेकिन अब ट्रंप के सुर थोड़े नरम पड़ रहे हैं. ट्रंप ने यह स्वीकार किया है कि अमेरिका को अपनी औद्योगिक और तकनीकी बढ़त बनाए रखने के लिए विदेशी प्रतिभा को बुलाना आवश्यक है, भले ही वे अमेरिकी कामगारों के लिए ऊंची मजदूरी का समर्थन करते हों. 

ऐसा लग रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप एच-1बी वीजा सुधारों पर अपने आक्रामक रुख को नरम करने का प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए गए अपने इंटरव्यू के दौरान ऐसे संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास जटिल विनिर्माण और रक्षा क्षेत्रों के लिए पर्याप्त कुशल लोग नहीं हैं. जॉर्जिया में हुंडई प्लांट पर आईसीई (ICE) की छापेमारी का उदाहरण देते हुए ट्रंप ने कहा कि विदेशी विशेषज्ञता को हटाने से अमेरिका को मुश्किलें झेलनी पड़ीं. एंकर लॉरा इंग्राहम के साथ मंगलवार को हुई बातचीत में ट्रंप ने कुशल प्रवासी कामगारों के महत्व का बचाव किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से बेरोजगार लोगों को बिना ट्रेनिंग के मैनुफैक्चरिंग और डिफेंस जैसे जटिल कार्यों में नहीं लगा सकता.

ट्रंप ने कहा कि वे अमेरिकी कामगारों के लिए अधिक वेतन का समर्थन करते हैं, लेकिन अमेरिका को अपनी औद्योगिक और तकनीकी बढ़त बनाए रखने के लिए इस प्रतिभा को लाना जरूरी है. जब उनसे पूछा गया कि क्या एच-1बी वीजा सुधार अमेरिकी सरकार की प्राथमिकता है, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “मैं सहमत हूं, लेकिन आपको यह प्रतिभा भी लानी होगी.” 

इंग्राहम ने कहा कि “अमेरिका में बहुत सारे प्रतिभाशाली लोग हैं.” 

ट्रंप ने जवाब दिया, “नहीं, ऐसा नहीं है. कुछ विशेष कौशल ऐसे हैं जो आपके पास नहीं हैं और लोगों को उन्हें सीखना होगा. आप बेरोजगारों को लेकर यह नहीं कह सकते कि ‘मैं तुम्हें उस फैक्ट्री में भेज दूं जहां हम मिसाइलें बना रहे हैं.’”

ट्रंप ने जॉर्जिया में बन रहे हुंडई प्लांट पर आईसीई की छापेमारी का उदाहरण दिया और बताया कि वहां से कुशल विदेशी कामगारों को हटाने से जटिल उत्पादों का निर्माण कठिन हो गया. उन्होंने कहा, “वहां दक्षिण कोरिया से लोग आए थे जो पूरी जिंदगी बैटरियां बनाते रहे हैं. बैटरी बनाना बहुत जटिल और खतरनाक काम है, इसमें विस्फोट और अन्य कई समस्याएं होती हैं. शुरुआती चरण में करीब 500 से 600 लोग वहां थे जो बैटरियां बना रहे थे और स्थानीय लोगों को सिखा रहे थे.” हालांकि हाल ही में छापेमारी के दौरान सैकड़ों दक्षिण कोरियाई कामगारों को गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया गया.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कई उद्योगों में विशेष प्रकार की विशेषज्ञता की जरूरत होती है, जिसे बिना प्रशिक्षित या लंबे समय से बेरोजगार लोग पूरा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, “आप यह नहीं कह सकते कि कोई देश आकर 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा, एक प्लांट बनाएगा और आप पांच साल से बेरोजगार लोगों को उठाकर वहां मिसाइलें बनाने लग जाएंगे. यह ऐसे काम नहीं करता.”

भारतीयों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

यह ट्रंप के पिछले दृष्टिकोण और उनके बयानों के उलट है. इस साल सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने बड़ा बदलाव किया था, जब राष्ट्रपति ने एक आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए घोषणा की कि अब नई एच-1बी वीजा आवेदन पर 100,000 डॉलर की फीस लगेगी. हालांकि उनकी घोषणा के बाद अफरा-तफरी मच गई थी, जब इसे बिना स्पष्टता के लागू करने की बात कही गई थी. बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल नए आवेदनों पर लागू होगा, पुराने पर नहीं. एच-1 बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय माने जाते हैं. ऐसे में इस पर सबसे ज्यादा चोट भी इन्हीं पर पड़ेगी. 

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