फोन लगाया, टैरिफ की धमकी दी और युद्ध रुक गया… ट्रंप का दावा- इन दो देशों के बीच फिर कराई मध्यस्थता

Donald Trump ceasefire between Thailand and Cambodia: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच दोबारा शुरू हुए संघर्ष को रुकवाने का दावा ठोका है. उन्होंने कहा कि टैरिफ की धमकी काम करती है. दोनों देशों के लीडर अच्छा कर रहे हैं, वे ठीक रहेंगे.

By Anant Narayan Shukla | November 15, 2025 1:33 PM

Donald Trump ceasefire between Thailand and Cambodia: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को फिर से युद्ध रुकवाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका की मध्यस्थता से कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हुए संघर्षविराम समझौते को बनाए रखने में सफल रहे हैं. यह दोनों देशों के बीच नए विवाद के बाद टूटने के कगार पर था. ट्रंप ने इस मामले में कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट, थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल और मलेशिया के नेता से फोन पर बात की. एयरफोर्स वन में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने आज ही एक युद्ध रोका है. दक्षिण-पूर्व एशिया के इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव को रोकने के लिए उन्होंने टैरिफ लगाने की धमकी दी.

वीकेंड पर फ्लोरिडा स्थित अपने मार-ए-लागो एस्टेट के लिए उड़ान भरते समय एयरफोर्स वन (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक विमान) में पत्रकारों से कहा, “मैंने आज ही युद्ध को रोका. टैरिफ और टैरिफ की धमकी के इस्तेमाल से. अगर हमारे पास यह विकल्प न होता, तो दूसरे देश हम पर टैरिफ लगाते और हमारे पास मुकाबला करने का कोई उचित साधन नहीं होता.” उन्होंने कहा, “मैंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से बात की और वे बहुत अच्छा कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वे ठीक रहेंगे.”

टैरिफ की धमकी काम कर रही है

उन्होंने कहा कि उनके ये कदम दुनिया भर के देशों पर भारी शुल्क लगाने की उनकी इच्छाशक्ति के कारण संभव हुए हैं. ट्रंप का तर्क है कि उनकी देशों पर शुल्क लगाने की रणनीति के कारण अमेरिका को व्यापार और कूटनीतिक लाभ में बड़ी बढ़त मिलती है. व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के साथ फोन कॉल के माध्यम से हालिया संघर्ष में मध्यस्थता के प्रयास किए.” थाई सरकारी प्रसारक ने बयान में कहा, “उन्होंने हिंसा समाप्त करने में मदद के लिए मलेशिया के साथ भी बातचीत की.”

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कंबोडिया ने की कॉल की पुष्टि

कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने सुबह सोशल मीडिया पर लिखा, “कंबोडियाई नागरिकों की ओर से, मैंने राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी पहल के लिए धन्यवाद दिया, जिसने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्धविराम स्थापित करने में योगदान दिया और दोनों देशों के लिए स्थायी शांति की तलाश में कुआलालंपुर संयुक्त घोषणा को संभव बनाया.” कंबोडियाई समाचार एजेंसी AKP के अनुसार, हुन मानेट ने बताया कि ट्रंप ने दोहराया कि वे कंबोडिया और थाईलैंड के बीच स्थायी शांति देखना चाहते हैं. इस संदर्भ में, राष्ट्रपति यह सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर कड़ी नजर रखेंगे ताकि सीमा पर फिर से कोई सशस्त्र संघर्ष न हो.

पुराना है दोनों देशों के बीच विवाद

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद है, जिसकी जड़ें फ्रांस के औपनिवेशिक काल में बनाई गई सीमाओं में हैं. इस वर्ष जुलाई में, इस क्षेत्र में लड़ाई हुई थी, जिसमें लड़ाकू विमान, मिसाइल हमले और जमीनी टुकड़ियाँ शामिल थीं. दोनों दक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसी देशों के बीच ताजा विवाद क्षेत्रीय सीमा को लेकर हुआ, जिसमें जुलाई के अंत में पांच दिनों तक सशस्त्र संघर्ष चला था, जिसमें कई सैनिक और आम नागरिक मारे गए थे.

ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर दोनों देशों ने युद्ध नहीं रोका तो उन्हें व्यापार संबंधी विशेषाधिकार नहीं मिलेगा जिससे संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने में मदद मिली. इस वर्ष 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति ट्रंप और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने थाईलैंड और कंबोडिया के प्रधानमंत्रियों की मेजबानी की थी, जहां ‘कुआलालंपुर शांति समझौते’ पर हस्ताक्षर हुए.  हालांकि, इस सप्ताह संघर्षविराम उस समय टूटने की कगार पर पहुंच गया था, जब कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत ने कहा कि थाईलैंड के साथ लगती उनके देश की सीमा पर गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत हो गई.

नया विवाद कैसे शुरू हुआ?

बुधवार को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद में गोलाबारी हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत और तीन घायल हुए. दोनों देशों ने एक-दूसरे को दोषी ठहराया. यह घटना थाईलैंड द्वारा शांति समझौता निलंबित किए जाने के कुछ दिन बाद हुई. रॉयल थाई आर्मी ने बिना उकसावे की गोलीबारी में शामिल होने से इनकार किया और कहा कि कंबोडियाई सैनिकों ने थाई क्षेत्र में हथियार चलाए. थाई सेना ने फेसबुक पर लिखा कि थाई सैनिकों ने कवर लिया और नियमों के अनुसार केवल आवश्यक बल का इस्तेमाल किया, ताकि राष्ट्र की संप्रभुता और सैन्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

10 नवंबर को एक लैंडमाइन विस्फोट के बाद थाईलैंड ने इस समझौते को निलंबित कर दिया. दोनों देशों ने 12 नवंबर को एक-दूसरे पर नए हमलों के आरोप लगाए, जिनमें कंबोडिया ने कहा कि एक नागरिक की मौत हुई. थाईलैंड ने 18 पकड़े गए कंबोडियाई सैनिकों की रिहाई में देरी की, जबकि यह संयुक्त शांति संधि की एक प्रमुख शर्त है.

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