Coronavirus vaccine : नौ कंपनियों का एलान, हड़बड़ी में नहीं लाएंगे कोरोना वैक्सीन, सही व कारगर होगा टीका

दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच वैक्सीन बनाने वाली नौ बड़ी कंपनियों ने घोषणा की है कि वे हड़बड़ी में वैक्सीन जारी नहीं करेंगी.

By Prabhat Khabar | September 10, 2020 3:04 AM

दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच वैक्सीन बनाने वाली नौ बड़ी कंपनियों ने घोषणा की है कि वे हड़बड़ी में वैक्सीन जारी नहीं करेंगी. इससे पहले ब्रिटेन की फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने एक वॉलंटियर में वैक्सीन के साइड इफेक्ट मिलने के बाद तीसरे और अंतिम चरण के क्लीनिकल ट्रायल को रोक दिया. एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन बनाने की रेस में सबसे आगे मानी जा रही थी.

घोषणा करने वाली नौ कंपनियों में एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, फाइजर, नौवैक्स, सानोफी, ग्लैक्सो, जॉनसन एंड जॉनसन, बायोटेक और मर्क शामिल है. कंपनियों ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन पर काम चल रहा है और जल्दी ही यह वैक्सीन बना ली जाएगी. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि रिसर्च करने वाले किसी हड़बड़ी में नहीं हैं और वे यह चाहते हैं कि वैक्सीन सही और कारगर हो.

कंपनियों ने वैक्सीन बनाने में हाई साइंटिफिक स्टैंडर्ड और मोरल वैल्यू को बरकरार रखने की भी बात कही. कंपनियों का कहना है कि जैसे ही हम वैक्सीन बना लेंगे, उसे दुनियाभर में उपलब्ध करा दिया जायेगा. उससे पहले कंपनियोंे को ड्रग कंट्रोलर से लाइसेंस लेना होगा. कंपनियों ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस साल के अंत तक हम वैक्सीन लेकर आ जायेंगे.

प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित नहीं हो रही : आइसीएमआर : कॉन्वलसेंट प्लाज्मा (सीपी) थेरेपी कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज करने और मृत्यु दर को कम करने में कोई खास कारगर साबित नहीं हो रही है. आइसीएमआर के अध्ययन में यह पाया गया है. कोविड-19 मरीजों पर सीपी थेरेपी के प्रभाव का पता लगाने के लिए 22 अप्रैल से 14 जुलाई के बीच 39 निजी और सरकारी अस्पतालों में ट्रायल किया गया था.

राहुल ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए घातक : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत में कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए केंद्र की कथित नाकामी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ. उन्होंने ट्वीट किया कि वादा था 21 दिन में कोरोना खत्म करने का, लेकिन खत्म कर दिये करोड़ों रोजगार और छोटे उद्योग.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version