चीन का अमेरिका को एक और काउंटर पंच, जिनपिंग ने ट्रंप के जहाजों के लिए बढ़ा दी पोर्ट फीस, जानें क्या-क्या बदला?

China increases port fees for American ships: चीन ने मंगलवार को घोषणा की कि अमेरिकी जहाजों पर नए विशेष पोर्ट शुल्क (Special Port Fees) लागू किए जाएंगे. यह निर्णय चीनी बंदरगाहों पर पहुंचने वाले अमेरिकी जहाजों के लिए तुरंत प्रभाव से लागू होगा.

By Anant Narayan Shukla | October 14, 2025 1:38 PM

China increases port fees for American ships: चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर अब बढ़े हुए स्वरूप में और भी आक्रामक होता जा रहा है. अब तक अमेरिका की ओर से ही एग्रेशन दिखाया जा रहा था, लेकिन अब चीन ने भी अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. ताजा मामले में चीन ने मंगलवार को घोषणा की कि अमेरिकी जहाजों पर नए विशेष पोर्ट शुल्क (Special Port Fees) लागू किए जाएंगे. यह निर्णय चीनी बंदरगाहों पर पहुंचने वाले अमेरिकी जहाजों के लिए तुरंत प्रभाव से लागू होगा. यह कदम वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच उठाया गया है.

चीन की स्टेट मीडिया ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने कहा कि यह विशेष शुल्क इसलिए लगाया गया है ताकि चीनी शिपिंग उद्योग और उद्यमों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा की जा सके और अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जा सके. चीन के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि यह विशेष पोर्ट शुल्क उन सभी जहाजों पर लागू होगा जो-

  1. अमेरिकी कंपनियों, संगठनों या व्यक्तियों के स्वामित्व या नियंत्रण में हैं, जिनकी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत या उससे अधिक है.
  2. अमेरिकी फ्लैग (US-flagged) वाले या अमेरिका में बने (US-built) जहाज हैं.

बढ़ा हुआ शुल्क चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा लागू

मंत्रालय ने कहा कि इन योग्य अमेरिकी जहाजों पर विशेष पोर्ट शुल्क चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा. शुरुआती शुल्क 400 युआन (लगभग 56 डॉलर) प्रति नेट टन निर्धारित किया गया है. यह शुल्क 10 अक्टूबर से लागू हो गया है और अगले तीन वर्षों तक यह शुल्क हर साल 17 अप्रैल को बढ़ाया जाएगा. चीन ने यह कदम अमेरिका द्वारा चीनी जहाजों पर अतिरिक्त पोर्ट शुल्क लगाने के जवाब में उठाया है. अमेरिका अपने बंदरगाहों पर यह नया शुल्क 14 अक्टूबर से लागू करने जा रहा है.

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन के परिवहन मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका की कार्रवाई WTO (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों और चीन-अमेरिका समुद्री परिवहन समझौते का गंभीर उल्लंघन है. इसके कारण दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है.

चीन ने दी नसीहत- अपनी गलतियां सुधारे अमेरिका

चीन ने मंगलवार को अमेरिका से अपील की कि वह अपनी गलतियों को सुधारे और व्यापार वार्ताओं में ईमानदारी दिखाए, ताकि दोनों देश आधे रास्ते पर मिलकर समाधान निकाल सकें. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने यह बयान सोमवार को वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच हुई कार्य-स्तरीय वार्ता के बाद जारी किया. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका एक तरफ बातचीत की बात नहीं कर सकता और दूसरी तरफ नए प्रतिबंध लगाने की धमकी नहीं दे सकता. यह चीन के साथ व्यवहार करने का सही तरीका नहीं है.”

चीन ने पहले लगाया था प्रतिबंध

इस शुल्क बढ़ोत्तरी से पहले चीन ने दुर्लभ खनिजों (rare earth mineral) के निर्यात पर नए नियंत्रण उपाय लागू करने की भी घोषणा की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके जवाब में चेतावनी दी कि वे चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ और अन्य प्रतिबंधात्मक कदम लागू करेंगे, जो 1 नवंबर से प्रभावी होंगे. वहीं अमेरिका ने चीनी जहाजों पर रूस के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल ने करने की पाबंदी लगाई थी. इस तनातनी का आने वाले समय में ग्लोबल प्रभाव देखने को मिल सकता है. 

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