शेख हसीना के बाद बेटे पर चला कोर्ट का हंटर, इस जुर्म में निकाला गिरफ्तारी का वारंट
Bangladesh News Sheikh Hasina's son Sajeeb Wazed: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. यह आदेश हसीना को मृत्यु दंड देने के बाद आया है. उनके खिलाफ जुलाई विद्रोह के दौरान हुए घटनाक्रम के लिए दिया गया है.
Bangladesh News Sheikh Hasina’s son Sajeeb Wazed: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक महत्वपूर्ण कानूनी कार्रवाई सामने आई है. देश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने बृहस्पतिवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के निर्वासित बेटे साजिब वाजेद जॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. यह आदेश उस समय आया है जब न्यायाधिकरण ने लगभग एक महीने पहले ही शेख हसीना को छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में मौत की सजा सुनाई थी.
आईसीटी-बीडी के एक अभियोजक ने मीडिया को बताया कि जुलाई के विद्रोह के घटनाक्रमों से जुड़े मामले में जॉय के खिलाफ मानवता विरोधी अपराध का आरोप दर्ज किया गया था. अब न्यायाधिकरण ने अब उनके खिलाफ औपचारिक रूप से गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आईसीटी मामलों के तत्कालीन जनियर मंत्री जुनैद अहमद पलक के खिलाफ भी इसी तरह का वारंट जारी हुआ है. पलक इस समय पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं.
मां के कार्यकाल में कर चुके हैं काम
54 वर्षीय साजिब वाजेद जॉय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ हैं. वे अपनी मां के कार्यकाल में आईसीटी मामलों के सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. फिलहाल वह अमेरिका में निवास कर रहे हैं. उनका नाम जुलाई विद्रोह से जुड़े उन मामलों में शामिल है, जिनमें छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और कथित अत्याचारों की जांच की जा रही है.
शेख हसीना को दी गई मौत की सजा
गौरतलब है कि न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को बलपूर्वक दबाने के प्रयासों के लिए मौत की सजा सुनाई थी. यह फैसला दोनों की अनुपस्थिति में दिया गया, क्योंकि हसीना अगस्त 2025 में सत्ता से बेदखल होने के बाद देश छोड़कर जा चुकी हैं.
जुलाई 2025 में शुरू हुए छात्रों के नेतृत्व वाले विशाल प्रदर्शन ने पांच अगस्त को हसीना सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था. इस जनउभार को बाद में ‘जुलाई विद्रोह’ के रूप में जाना गया. इसके बाद जनवरी में प्रोफेसर मोहम्मद के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने ‘जुलाई योद्धाओं’ की 834 मृतकों की सूची जारी की, जिससे मामले का राजनीतिक और सामाजिक महत्व और बढ़ गया.
लगातार हो रही कार्रवाई
उधर, न्यायाधिकरण ने एक अन्य मामले में पूर्व कानून मंत्री अनीस-उल-हक और पूर्व प्रधानमंत्री के निवेश सलाहकार सलमान एफ. रहमान के खिलाफ दायर आरोपों को भी स्वीकार कर लिया है. यह कर्फ्यू लागू होने के बाद हुए कथित ‘सामूहिक हत्याकांड’ से जुड़ा है. दोनों पहले से ही जेल में बंद हैं. न्यायाधिकरण ने उन्हें और पलक को 10 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है.
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