हाई अलर्ट पर बांग्लादेश, आने वाली है शेख हसीना के खिलाफ फैसले की तारीख, आवामी लीग ने किया है लॉकडाउन का ऐलान
Bangladesh on high alert: बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गुरुवार, 13 नवंबर को अपने फैसले की तारीख की घोषणा करेगा. इसलिए पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. सेना और पुलिस के साथ सुरक्षा बलों को देशभर के हवाई अड्डों और प्रमुख प्रतिष्ठानों पर तैनात किया गया है.
Bangladesh on high alert: शेख हसीना के सत्ता हस्तांतरण के बाद से बांग्लादेश शांत की बाट जोह रहा है. उसकी अर्थव्यवस्था नीचे गिरती जा रही है, व्यापार में नुकसान हो रहा है. हां भारत के पूर्वी पड़ोसी देश में पाकिस्तान जरूर अपना रास्ता बना रहा है. यह सब केवल एक साल में हुआ है. 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना को अपना देश छोड़कर भारत आना पड़ा, जब आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों से उनकी जान को खतरा पैदा हो गया. अब वही बांग्लादेश एक बार फिर हाई अलर्ट पर है. बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गुरुवार, 13 नवंबर को अपने फैसले की तारीख की घोषणा करेगा. उन पर मानवता के खिलाफ अपराधों, जिनमें हत्या के आरोप भी शामिल हैं. यह मामला पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह से जुड़ा है.
फैसले की घोषणा से पहले बांग्लादेश में तनाव बढ़ने के कारण पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. सेना और पुलिस के साथ सुरक्षा बलों को देशभर के हवाई अड्डों और प्रमुख प्रतिष्ठानों पर तैनात किया गया है. बांग्लादेश अवामी लीग ने गुरुवार को देशव्यापी “भोर से सांध्य” (डॉन-टू-डस्क) लॉकडाउन की घोषणा की है. उसने सभी वर्गों के लोगों से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा अवामी लीग और उससे संबद्ध संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, पार्टी नेता सोशल मीडिया के माध्यम से अज्ञात स्थानों से इस कार्यक्रम की घोषणा कर रहे हैं. वे ऑनलाइन सक्रिय रूप से प्रचार अभियान भी चला रहे हैं.
हिंसा की घटनाएं आईं हैं सामने
पिछले दो दिनों में राजधानी ढाका समेत बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों से वाहनों में आगजनी और देसी बम (कॉकटेल) विस्फोटों की घटनाओं की खबरें सामने आई हैं. अवामी लीग समर्थक देशभर में फ्लैश रैलियां भी निकाल रहे हैं. इस बीच पुलिस ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है, जबकि सुरक्षा बलों ने प्रमुख सड़कों पर चेकपोस्ट और वाहनों की तलाशी की व्यवस्था की है.
किस आरोप में हो रही सुनवाई
जुलाई 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले एक विद्रोह ने शेख हसीना की सरकार को बेदखल कर दिया था. इसके बाद 5 अगस्त 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री जान बचाकर भारत आ गई थीं. इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया. वे अभी बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई थी. हसीना के अलावा इस मामले में 30 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इसमें पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान, पूर्व रक्षा सलाहकार और पूर्व पुलिस प्रमुख भी शामिल हैं.
हसीना ने ही बनाई थी ये अदालत
शेख हसीना के शासनकाल में ही बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच और सजा के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की स्थापना की गई थी. उस समय न्यायाधिकरण ने जमात-ए-इस्लामी के कई नेताओं के खिलाफ युद्ध अपराधों के मुकदमे चलाए थे. वर्तमान अंतरिम सरकार ने अब कानूनी ढांचे में संशोधन कर इसी न्यायाधिकरण में शेख हसीना के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है. इस मामले में गवाहियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और न्यायाधिकरण गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसले की तारीख घोषित करेगा.
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