खत्म कर दूंगी H-1B Visa प्रोग्राम… ट्रंप से उल्टी धारा में चलीं मार्जोरी ग्रीन, MAGA के बाद अब चलेगा AFAO
A bill to end H-1B Visa programme soon: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने ऐसा बयान दिया, जिससे लगा कि उनका रुख एच-1बी वीजा प्रोग्राम को लेकर नरम हो रहा है. लेकिन उनकी पार्टी का दृष्टिकोण पूरी तरह इसके खिलाफ है. ट्रंप के बयान के बाद रिपब्लिकन नेता मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा है कि इस वीजा प्रोग्राम को समाप्त करने वाला विधेयक जल्द ही आने वाला है.
A bill to end H-1B Visa programme soon: एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप का एक बयान उनकी ही पार्टी में विरोध का कारण बन रहा है. उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में H-1B वीजा कार्यक्रम की आवश्यकता का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका के पास टेक और रक्षा क्षेत्रों में कुछ पदों के लिए पर्याप्त घरेलू प्रतिभा नहीं है. इस बयान के तुरंत बाद उनके ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ट्रंप का प्लान है कि विदेशी आएं, अमेरिकी लोगों को ट्रेन करें और अपने घर जाएं. लेकिन रिपब्लिकन कांग्रेसवुमन मार्जोरी टेलर ग्रीन ने अब इस वीजा को पूरी तरह से बंद करने का ही अपना इरादा जता दिया है. उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी कामगारों के हित में H-1B कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का विधेयक पेश कर रही हैं.
ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) यानी रिपब्लिकन नेता मार्जोरी टेलर ग्रीन ने अमेरिकी कंपनियों पर आरोप लगाया कि वे इस कार्यक्रम का दुरुपयोग कर अमेरिकी कामगारों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “बिग टेक, एआई कंपनियाँ, अस्पताल और लगभग हर उद्योग ने H-1B सिस्टम का दुरुपयोग कर हमारे अपने लोगों को बाहर कर दिया है.” उन्होंने आगे कहा, “अमेरिकी दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली लोग हैं और मुझे अमेरिकी लोगों पर पूरा विश्वास है. मैं सिर्फ अमेरिकियों की सेवा करती हूँ और हमेशा अमेरिकियों को प्राथमिकता दूँगी.”
ग्रीन ने कहा कि उनका बिल H-1B कार्यक्रम को खत्म करने और टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव करता है. उन्होंने लिखा, “मेरा बिल भ्रष्ट H-1B कार्यक्रम को समाप्त करता है और टेक, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और हर उस उद्योग में अमेरिकियों को फिर से पहला स्थान देता है, जो इस देश को चलाते हैं! अगर हम चाहते हैं कि अगली पीढ़ी अमेरिकन ड्रीम हासिल करे, तो हमें उनका स्थान लेना बंद कर उन्हें सशक्त बनाना शुरू करना होगा.”
ग्रीन ने कहा कि उनके बिल में एक छूट का प्रावधान है, जिसके तहत हर साल डॉक्टरों और नर्सों जैसे चिकित्सा पेशेवरों के लिए 10,000 वीजा जारी किए जा सकेंगे. यह छूट 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दी जाएगी. ग्रीन ने यह भी बताया कि 10,000 वीजा प्रति वर्ष की यह सीमा भी धीरे-धीरे 10 वर्षों में खत्म कर दी जाएगी ताकि अमेरिकी डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की घरेलू पाइपलाइन विकसित करने का समय मिल सके.
MAGA के बाद अब ग्रीन का AFAO
इससे पहले उन्होंने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) के बाद अपना अमेरिका फर्स्ट और अमेरिका ओनली (AFAO) का नारा पेश कर दिया. उन्होंने 12 नवंबर को पोस्ट किया, “मुझे अमेरिकी लोगों पर विश्वास है. मैं आपमें से ही एक हूँ. मुझे विश्वास है कि आप अच्छे, प्रतिभाशाली, रचनात्मक, बुद्धिमान, मेहनती हैं और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं. मैं विदेशी श्रमिकों द्वारा आपको प्रतिस्थापित किए जाने के सख्त खिलाफ हूँ, जैसे H1B कार्यक्रम में होता है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं विदेशी छात्रों को हमारे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश देने के भी खिलाफ हूँ जैसे 6 लाख चीनी छात्र, सिर्फ इसलिए कि संस्थान आर्थिक रूप से टिके रहें. अगर वे विफल होते हैं, तो होने दें. मौजूदा प्रणाली वैसे भी हमारे युवाओं की मदद नहीं कर रही है. मैं विदेशी सहायता, विदेशी युद्धों और विदेशी देशों को एक भी डॉलर भेजने के खिलाफ हूँ.”
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था. यह वही नेता है, जिस पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का ईनाम रखा था. मार्जोरी ने इस पर भी हमला बोला. उन्होंने आगे लिखा, “मैं किसी भी ऐसे विदेशी नेता को देश में लाने के खिलाफ हूँ जो आतंकवादी हो या निर्दोष लोगों की हत्याओं की निगरानी करता हो और उन्हें ओवल ऑफिस में आमंत्रित करने के भी खिलाफ हूँ. वे हमारे समर्थन के योग्य नहीं हैं.”
ग्रीन ने आगे लिखा, “मुझे मेरे जिले और अमेरिकी लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है, किसी और देश का नहीं और मैं केवल अमेरिकियों की सेवा करती हूँ. मैं अमेरिका फर्स्ट और अमेरिका ओनली (AFAO) हूँ. यह मेरा तरीका है, और इसके अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं हो सकता.”
H-1B बंद होने से इंडियंस को होगा नुकसान
H-1B कार्यक्रम के खिलाफ उठाए जा रहे कदम भारतीय पेशेवरों के लिए चिंताजनक हैं, जो इस टेंपररी वर्क वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं. H-1B अमेरिकी नागरिकता (ग्रीन कार्ड) तक पहुंचने का एक रास्ता भी माना जाता है. यह कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों, खासतौर पर टेक सेक्टर द्वारा प्रतिभा आयात करने के लिए उपयोग किया जाता है, जिनमें से 70% से अधिक भारतीय होते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का H-1B वीजा के लिए दुर्लभ समर्थन
यह घटनाक्रम ट्रंप के उस बयान के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने H-1B वीजा को अमेरिका की जरूरत बताया था. इंटरव्यू के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उनकी प्रशासन अमेरिकी कामगारों की मजदूरी पर दबाव पड़ने के भय के बावजूद H-1B कार्यक्रम को प्राथमिकता देगा, तो उन्होंने कहा था, “मैं सहमत हूँ, लेकिन आपको प्रतिभा को लाना भी पड़ता है.”
जब इंटरव्यूअर ने टोकते हुए कहा, “हमारे पास बहुत प्रतिभाशाली कामगार हैं,” तो राष्ट्रपति ने तुरंत जवाब दिया, “नहीं, आपके पास नहीं हैं.” उन्होंने आगे कहा, “आपके पास कुछ खास प्रतिभाएँ नहीं हैं. लोगों को सीखना पड़ता है. आप बेरोजगारी लाइन में खड़े व्यक्ति को नहीं उठा सकते और कह सकते कि ‘मैं तुम्हें उस फैक्ट्री में लगा रहा हूँ जहाँ मिसाइलें बनती हैं.’”
H-1B वीजा पर कड़ाई में लगा है अमेरिका
अमेरिका ने इस वीजा पर नए वीजा आवेदनों पर एक लाख डॉलर का शुल्क लगाकर कड़ाई की शुरुआत कर ही दी है. वहीं स्कॉट बेसेंट ने कहा कि इस वीजा प्रोग्राम के तहत विदेशियों को अमेरिकी लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग करेगा. हालांकि इस बिल पर कोई निर्णय आएगा, तो यह H-1B कार्यक्रम के भविष्य और बड़े स्तर पर इमिग्रेशन सुधार पर चल रही कांग्रेस और सार्वजनिक बहस को और तीखा करेगा.
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