मौत का मंज़र.. नवंबर में जि‍हादी हिंसा में मारे गए 5000 निर्दोष

पाकिस्‍तान के पेशावर में एक स्‍कूल में मंगलवार कोहुए आतंक के भयानक मंजर में 141 लोगों की मौत हो गयी. मारे गए लोगों में ज्‍यादातर स्‍कूली बच्‍चे थे. इस घटना ने अपने आपको जिहादी कहने वाले कट्टर इस्‍लामिक संगठन के मंसूबे सबके सामने पेश कर दिए.एक तालिबानी आतंकी संगठन ने इस घटना की जिम्‍मेदारी लेते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 17, 2014 2:10 PM
पाकिस्‍तान के पेशावर में एक स्‍कूल में मंगलवार कोहुए आतंक के भयानक मंजर में 141 लोगों की मौत हो गयी. मारे गए लोगों में ज्‍यादातर स्‍कूली बच्‍चे थे. इस घटना ने अपने आपको जिहादी कहने वाले कट्टर इस्‍लामिक संगठन के मंसूबे सबके सामने पेश कर दिए.एक तालिबानी आतंकी संगठन ने इस घटना की जिम्‍मेदारी लेते हुए कहा कि यह बदले की भावना से किया गया था.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार नवंबर के महीने जिहादी हमले में पूरी दुनिया में कुल 5000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. इस महीने एक औसत 22 आतंकवादी हमला हर रोज किया गया जिसमें हर सात घंटे मेंकरीब 168 लोगों की मृत्‍यु हुई.
रिपोर्ट के अनुसार इन मारे गए लोगों में किसी भी इस्‍लामिक आतंकवादी संगठनों में से सबसे ज्‍यादा जानें आइएसआइएस ने ली. इसने नवंबर के महीने में करीब 2,206 बेगुनाहों को मौत के घाट उतार दिया. हैरानी की बात है कि सबसे ज्‍यादा मौतें उन्‍हीं देशों में हुई जहां ये संगठन सबसे ज्‍यादा सक्रीय हैं,जैसेईराक औार सीरिया.
ईराक में पिछले महीने हुए जिहादी हमले में कुल 1,770 लोगों की जानें गईं. वहीं इस्‍लामिक स्‍टेट का गढ़ माना जाने वाला सीरिया भी इन दहशतगर्दों से बुरी तरह प्रभावित रहा यहां आतंकवादी हमले में करीब 693 मासूमों की जानें गई.
नाइजीरिया नवंबर के महीने में दुनिया का दूसरा सबसे बुरे तरह से प्रभावित देश बना रहा. बोको हरम ने यहां के करीब 801 लोगों को बेरहमी से मार दिया. पूरे विश्‍व में जिहादी आतंक से लगभग 80 प्रतिशत मौतें उन्‍हीं देशों में हुई जहां ये संगठन काम करते हैं इनमें ईराक, नाइजीरिया,अफगानिस्‍तान और सीरिया प्रमुख रहा.
इस रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी कि करीब 60 प्रतिशत जिहादीहत्याएंउन संगठनों के द्वारा की गयी जिनका कोई संबंध दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठन माने जाने वाले अल-कायदा से नहीं था. इस तरह की रिपोर्ट बेशक झकझोर देने वाली है. पिछले साल 2013 में आतंकी हमले में मारे गए लोगों की संख्‍या कल्‍पना से कहीं अधिक 18,000 थी.

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