40 की उम्र से पहले हो गये मोटापे का शिकार, तो कैंसर के खतरे से बचना होगा मुश्किल : अध्ययन

ओस्लो : एक नये अध्ययन में पाया गया है कि 40 वर्ष की आयु से पहले वजन बढ़ने या मोटे होने से विभिन्न तरह के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 40 वर्ष की आयु से पहले वजन बढ़ने से अंतर्गर्भाशय कैंसर होने की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 12, 2019 1:43 PM

ओस्लो : एक नये अध्ययन में पाया गया है कि 40 वर्ष की आयु से पहले वजन बढ़ने या मोटे होने से विभिन्न तरह के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 40 वर्ष की आयु से पहले वजन बढ़ने से अंतर्गर्भाशय कैंसर होने की आशंका 70 प्रतिशत, गुर्दे की कोशिका का कैंसर होने की आशंका 58 प्रतिशत, बृहदान्त्र (कोलोन) का कैंसर होने की आशंका 29 प्रतिशत बढ़ जाती है. अध्ययन में पाया गया कि वजन बढ़ने के कारण स्त्री और पुरुषों दोनों में मोटापे संबंधी कैंसर होने की आशंका 15 प्रतिशत बढ़ जाती है.

अनुसंधानकर्ताओं ने तीन साल में अलग-अलग समय वयस्कों का दो या अधिक बार वजन का माप लिया. इसमें उन्हें कैंसर होने की आशंका से पहले का भी माप शामिल था. उन्होंने कैंसर के जोखिम से संबंधित चयापचय कारकों की जांच करने के लिए 2006 में शुरू किये गये ‘मी-कैन’ अध्ययन के 220,000 व्यक्तियों के आकंड़ों का भी इस्तेमाल किया. इसमें नॉर्वे, स्वीडन और ऑस्ट्रिया के लगभग 5,80,000 प्रतिभागी शामिल थे.

अध्ययन में कहा गया कि 27,881 लोग जिन्हें जांच के दौरन कैंसर होने का पता चला, उनमें से 9761 (35 प्रतिशत) मोटापे से ग्रस्त थे. अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, सामान्य बीएमआई वाले प्रतिभागियों की तुलना में पहले और दूसरे स्वास्थ्य परीक्षण में 30 से अधिक ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) वाले मोटे प्रतिभागियों में मोटापे से संबंधित कैंसर विकसित होने का खतरा सबसे अधिक था. अध्ययन के सह-लेखक टोने बजॉर्ग ने कहा, ‘पुरुषों में यह खतरा 64 प्रतिशत और महिलाओं में 48 प्रतिशत है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य संदेश यह है कि वजन बढ़ने से रोकना कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य रणनीति हो सकती है.’

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