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Bengal News: आदिवासी कुर्मी समाज का 5 अप्रैल को रेल रोको आंदोलन, कई ट्रेनें रद्द, कई का रूट डायवर्ट

आदिवासी कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने और सरना धर्म को मान्यता देने समेत कई मांगों को लेकर पांच अप्रैल से रेल रोको आंदोलन की घोषणा की गयी है. इसको देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द किया, वहीं कई का रूट डायवर्ट किया.

पश्चिम बंगाल, मुकेश तिवारी : कुर्मियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने और सरना धर्म को मान्यता देने समेत कई मांगों को लेकर आदिवासी कुर्मी समाज ने रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है. बुधवार को आयोजित इस आंदोलन को देखते हुए रेलवे कई ट्रेनों को रद्द किया है, वहीं कई का रूट डायवर्ट किया है.

पांच अप्रैल की सुबह छह बजे से आंदोलन शुरू

आदिवासी कुर्मी समाज ने पांच अप्रैल की सुबह छह बजे से अनिश्चितकाल के लिए पुरुलिया में रेल नाकाबंदी का आह्वान किया. मुख्य सलाहकार अजीत प्रसाद महतो ने पुरुलिया के कुस्तौर और खेमशुली रेलवे स्टेशनों पर आंदोलन की घोषणा की. आदिवासी कुर्मी समाज ने पुरुलिया शहर स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक की. बताया जाता है कि यह फैसला वहीं लिया गया है.

काफी दिनों से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग

मौके पर समाज के मुख्य सलाहकार अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि पिछले कुछ सालों से आदिवासी कुर्मी समुदाय अनुसूचित जनजाति को सूचीबद्ध करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है. कुर्मी समाज के लोगों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन उनके विकास के बारे में कोई नहीं सोच रहा है. इसलिए अपनी मांगों को मनवाने के लिए पांच अप्रैल से फिर से अनिश्चितकाल के लिए रेल रोको का आह्वान किया गया है.

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बातचीत के जरिए समाधान निकालने का होगा प्रयास

इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री शांतिराम महतो ने कहा कि हम कुर्मी समाज के सदस्यों के साथ बैठकर कर चर्चा करेंगे, ताकि लोगों को इस आंदोलन में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. रेलवे जाम होने से लोगों को परेशानी होगी. इसलिए हम बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहते हैं.

कई ट्रेनें रद्द, कई का रूट डायवर्ट

वहीं, बीजेपी नेता विद्यासागर चक्रवर्ती ने कहा कि लोग अपनी मांगें रख सकते हैं. लेकिन, सरकार को उन पर विचार करना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए. रेलवे या सड़कों को अवरुद्ध करने से लोगों को परेशानी होगी. इसलिए लोगों को असुविधा न पहुंचाते हुए सरकार से मांग करनी चाहिए. अगर जायज मांग है, तो सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. इस बाबत रेल प्रशासन द्वारा कई ट्रेनों को रद्द किया गया, वहीं कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है.

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