22 सितंबर से बदलेंगी जीएसटी दरें, रोजमर्रा की चीजों पर मिलेगी राहत; नोटिफिकेशन जारी

GST Notification: 22 सितंबर 2025 से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने जीएसटी की नई दरों का नोटिफिकेशन जारी किया है. अब दूध-दही जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं पर सिर्फ 2.5% टैक्स लगेगा, जबकि औद्योगिक रसायनों पर 9% और विलासिता की वस्तुओं पर 20% जीएसटी लागू होगा. पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, दवाइयां और खेल सामग्री भी नई सूची में शामिल हैं. विशेषज्ञों के अनुसार इससे दैनिक जरूरत की चीजें सस्ती होंगी, हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों पर असर से महंगाई बनी रह सकती है.

By KumarVishwat Sen | September 17, 2025 6:20 PM

GST Notification: देश में 22 सितंबर 2025 से महंगाई में कमी आएगी और आम आदमी को रोजमर्रा की चीजों के लिए अधिक दाम नहीं चुकाने पड़ेंगे. वित्त मंत्रालय ने 22 सितम्बर से लागू होने वाली नई जीएसटी दरों की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत पहले की अधिसूचना संख्या 01/2017 को निरस्त कर सात नई अनुसूचियों के आधार पर वस्तुओं को अलग-अलग दरों में रखा गया है.

रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर राहत

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, अब रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं जैसे दूध, दही और कुछ दुग्ध उत्पादों पर 2.5% टैक्स लगेगा. वहीं औद्योगिक उपयोग की वस्तुओं और रसायनों पर 9% दर तय की गई है. विलासिता की वस्तुओं पर 20% कर लगाया जाएगा, जबकि कुछ विशेष वस्तुओं पर 1.5%, 0.75% और 0.125% की दरें लागू होंगी. इसके अलावा, अनुसूची VII के अंतर्गत कुछ खास उत्पादों पर 14% जीएसटी दर लागू होगी.

पेट्रोलियम उत्पादों पर संशोधित दरें

नई दरों में पेट्रोलियम उत्पादों को भी स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है. कोयला, पेट्रोलियम कोक और बिटुमेन जैसी वस्तुओं पर संशोधित कर दरें लागू होंगी. दवाइयों की श्रेणी में इंसुलिन, हिपेटाइटिस टेस्ट किट और कई जीवनरक्षक औषधियों को भी विशेष दरों में रखा गया है. वहीं, किसानों से जुड़ी वस्तुएं जैसे उर्वरक और रसायनों को भी अलग श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है.

खेल और पारंपरिक वस्तुएं भी शामिल

खेल और पारंपरिक वस्तुएं जैसे चेस बोर्ड, करम बोर्ड, हवन सामग्री और धार्मिक उपयोग की वस्तुएं भी नई सूची में जोड़ी गई हैं. सरकार का दावा है कि इन बदलावों से जहां आम जनता को राहत मिलेगी, वहीं विलासिता और औद्योगिक वस्तुओं पर ऊंची दरें राजस्व बढ़ाने में मदद करेंगी.

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि इन नई दरों से आम उपभोक्ताओं को दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती मिलेंगी, लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों और औद्योगिक कच्चे माल पर टैक्स बढ़ने से महंगाई का असर महसूस किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें: Gold Loan लेने के लिए कौन बेहतर बैंक या एनबीएफसी, कहां मिलेगी बेहतर डील! जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

सरकार का तर्क

वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह सुधार न केवल कर संग्रह बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि सामाजिक संतुलन बनाए रखने का भी प्रयास है. नई दरें आज से देशभर में लागू हो गई हैं.

इसे भी पढ़ें: हुंडई के कर्मचारियों को नवरात्रि से पहले बड़ा तोहफा, सैलरी में बंपर बढ़ोतरी

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.