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West Bengal : अभिषेक बनर्जी 3 अक्तूबर को नहीं जाएंगे ईडी कार्यालय, कहा : रोक सकते हो तो रोक लो मुझे

आगामी 3 अक्तूबर को सॉल्टलेक में स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सुबह 10.30 बजे आकर बयान दर्ज कराने को कहा गया था. नोटिस में ईडी की टीम ने अभिषेक बनर्जी को लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी के बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़ी कुछ कागजातों को भी साथ लाने को कहा गया था.

By Shinki Singh | September 29, 2023 12:14 PM
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पश्चिम बंगाल के तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek banerjee) 3 अक्तूबर ईडी कार्यालय नहीं जाएंगे. उनके दावे के मुताबिक केंद्रीय संगठन घोषित कार्यक्रम के आधार पर उन्हें बुला रही है. अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को इस बारे में सोशल मीडिया लिखा है कि ”स्टॉप मी इफ यू कैन” यानी रोक सकते हो तो मुझे रोक लो. गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने तृणमूल सांसद एवं कथित तौर पर लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी के सीइओ अभिषेक बनर्जी को फिर एकबार इस मामले की जांच में पूछताछ के लिए तलब किया था. अभिषेक बनर्जी को गुरुवार को एक नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस में उन्हें आगामी तीन अक्तूबर को सॉल्टलेक में स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सुबह 10.30 बजे आकर बयान दर्ज कराने को कहा गया था. नोटिस में ईडी की टीम ने अभिषेक बनर्जी को लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी के बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़ी कुछ कागजातों को भी साथ लाने को कहा गया था.

अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, पश्चिम बंगाल को उसके उचित अधिकारों से वंचित रखे जाने के खिलाफ लड़ाई तमाम बाधाओं के बावजूद जारी रहेगी. दुनिया की कोई भी ताकत पश्चिम बंगाल के लोगों और उनके मौलिक अधिकारों के लिए लड़ने के मेरे समर्पण में बाधा नहीं बन सकती. मैं दो और तीन अक्तूबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जाऊंगा. यदि मुझे रोक सकते हो, तो रोक लो.

The fight against the deprivation of WB and its rightful dues shall persist regardless of the obstacles. No force on Earth can hinder my dedication to fight for the people of WB and their fundamental rights. I'll b in Delhi joining the protest on Oct 2nd & 3rd.

STOP ME IF U CAN!

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी को तीन अक्तूबर को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए ईडी की ओर से बुलाये जाने पर तृणमूल ने सवाल खड़ा किया है. पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि भाजपा अभिषेक बनर्जी से डर गयी है. इसलिए उन्हें रोकने के लिए अपने तोता केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. वह (भाजपा) चाहे जितना प्रयास कर ले, वे पार्टी के युवा नेता को रोक नहीं पायेंगे. वहीं, राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक, राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा सांसद शांतनु सेन, वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया.

प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूछताछ के लिए अभिषेक बनर्जी को तीन अक्तूबर को तलब किया है. तृणमूल ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यह उस दिन नयी दिल्ली में पार्टी की निर्धारित रैली को बाधित करने की भारतीय जनता पार्टी की चाल है. अभिषेक बनर्जी, पार्टी के अन्य सांसदों, विधायकों और नेताओं के साथ दो अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रीय राजधानी स्थित राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल तीन अक्तूबर को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मिलेगा और उनके सामने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कार्यक्रम के तहत ‘‘बकाया राशि जारी न करने’’ का मुद्दा उठाएगा.

पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि भाजपा नयी दिल्ली में तृणमूल के कार्यक्रम से डरी हुई है और लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल नेतृत्व पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा किसी को इस बात की परवाह नहीं है कि वह समन का पालन कर रहे हैं या नहीं. इस घोटाले के कारण नौकरी के लाखों इच्छुक उम्मीदवारों को धोखा दिया गया है और उनका करियर बर्बाद हो गया है. स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले की जांच अदालत के निर्देशानुसार की जा रही है. तृणमूल चाहती है कि यह जांच बंद हो जाए.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि तृणमूल के कार्यक्रम के दिन समन जारी किया जाना भाजपा और केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन्हें ‘‘प्रासंगिक’’ बनाने का प्रयास है. उन्होंने कहा, जब कार्यक्रम की घोषणा पहले ही हो चुकी है और निदेशालय उसी दिन उन्हें तलब कर रहा है, तो यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि यह भाजपा एवं केंद्रीय एजेंसी की उन्हें प्रासंगिक बनाने और यह सुनिश्चित करने की पहल की है कि पूरे मीडिया की नजरें उन पर हों. भाजपा और तृणमूल के बीच एक अनकही समझ है और ऐसे उदाहरण यह बात साबित करते हैं.

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