गोरखाओं को एनआरसी से नहीं बल्कि टीएमसी से खतरा : नीरज

दार्जिलिंग : दार्जिलिंग से भाजपा विधायक नीरज जिम्बा ने कहा है कि गोरखाओं को एनआरसी से नहीं, बल्कि टीएमसी से खतरा है. शहर के एचडी लामा रोड स्थित गोरामुमो दार्जिलिंग ब्रांच कमेटी कार्यलय में विधायक नीरज जिम्बा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि असम में जो एनआरसी लागू हुआ है, वो असम सरकार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2019 6:53 AM

दार्जिलिंग : दार्जिलिंग से भाजपा विधायक नीरज जिम्बा ने कहा है कि गोरखाओं को एनआरसी से नहीं, बल्कि टीएमसी से खतरा है. शहर के एचडी लामा रोड स्थित गोरामुमो दार्जिलिंग ब्रांच कमेटी कार्यलय में विधायक नीरज जिम्बा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि असम में जो एनआरसी लागू हुआ है, वो असम सरकार और केन्द्र सरकार ने लागू नहीं किया है, वहां जो भी हो रहा है वो सर्वोच्च न्यायलय के निर्देश पर हो रहा है.

कुछ लोग इस मसले पर जनता को भ्रमित कर रहे हैं. उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा कि कुछ नेतागण असम में एक लाख से अधिक गोरखाओं का नाम एनआरसी की सूची में छूटने का दावा कर रहे हैं, तो कुछ नेतागण इस संख्या को 60 हजार बता रहे हैं. जो भी हो वो सब हमारे लोग हैं, भारतीय गोरखा हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दार्जिलिंग के सांसद राजू विष्ट के नेतृत्व में हम लोगों ने असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी.
मुख्यमंत्री को हम लोगों ने बताया कि असम को असम बनाने में गोरखाओं का बहुत योगदान है. गोरखाओं ने देश की आजादी के लिए जान दी हैं, जिस को हम कभी भूल नहीं सक्ते है. असम में एनआरसी की अन्तिम सूची में केवल गोरखाओं का नाम नहीं और भी जातियों के लोगों का नाम छूट गया है. विधायक ने कहा कि एनआरसी सूची में जितने गोरखाओं का नाम छूटा है, उन लोगों को कुछ नहीं होगा.
दार्जिलिंग में एनआरसी लागू करने के सवाल पर श्री जिम्बा ने कहा कि ऐसी कोइ बात नहीं है. यदि यहां पर एनआरसी लागू किया जायेगा तो हम लोग केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट करेंगे और गोरखाओं के लिए विशेष सुरक्षा की मांग करेंगे. विधायक जिम्बा ने कहा कि गोजमुमो अध्यक्ष विनय तामांग असम में गोरखाओं को सर्वोच्च न्यायलय में मामला ले जाने की बात कह रहे हैं, जबकि एनआरसी सर्वोच्च न्यायलय के निर्देश पर तैयार हुआ है.
उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों के अंदर सांसद राजु विष्ट के नेतृत्व में दार्जिलिंग से एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जायेगा और दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट कर के गोरखाओं की समस्या से उन्हें अवगत करायेगा.

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