SIR Bengal 2026: पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले भाग रहे बांग्लादेशियों ने घुसपैठ के विमर्श को धार दी

SIR West Bengal: पश्चिम बंगाल में एसआईआर के मुद्दे पर अब विमर्श शुरू हो गया है. सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. भाजपा का कहना है कि बांग्लादेशी नागरिकों का पलायन उनके दावे को सच साबित कर रहा है, तो तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि एसआईआर को सही ठहराने के लिए रचा गया नाटक है.

By Mithilesh Jha | November 30, 2025 6:42 PM

SIR West Bengal: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से पहले होने वाले एसआईआर की वजह से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अपने देश लौट रहे हैं. भारत-बांग्लादेश की हकीमपुर सीमा पर जमे बांग्लादेशियों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो 10-15 साल पहले दलालों की मदद से भारत में घुस आये. कहीं प्लास्टिक टांगकर उसमें रहने लगे. दलालों की मदद से आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिये. अब जब दो दशक बाद भारत में एसआईआर शुरू हुआ, तो बांग्लादेशी नागरिकों ने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया. इस रिवर्स माइग्रेशन ने बंगाल में घुसपैठ के विमर्श को धार दे दी है.

घुसपैठ के मुद्दे पर भाजपा-तृणमूल के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज

पश्चिम बंगाल के हकीमपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों के अपने देश लौटने के मामले में राजनीतिक वाकयुद्ध तेज हो गया है. मतदाता सूची को सुधारने के लिए शुरू किये गये अभियान और घुसपैठ पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गये हैं.

बांग्लादेश की सीमा पर जांच पूरी होने के इंतजार में बैठी महिलाएं. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

एसआईआर शुरू होते ही पलायन करने लगे बांग्लादेशी

एसआईआर शुरू होने के कुछ ही दिन बाद प्रवासी बांग्लादेशियों के स्वदेश लौटने का सिलसिला शुरू हो गया. शुरू में इसे बहुत अधिक तवज्जों नहीं दी गयी, लेकिन अब यह राजनीतिक विमर्श बन गया है, जिसने सीमा चौकी को एक ‘वैचारिक युद्धक्षेत्र’ में बदल दिया है. यहां संख्या की तुलना में दृश्य अधिक मायने रखते हैं.

बांग्लादेशी नागरिक अपने देश लौटने की तैयारी में. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

नवंबर की शुरुआत से ही लौटने लगे बांग्लादेश से आये अवैध प्रवासी

उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में भारत-बांग्लादेश सीमा पर, स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के शुरू होने के बाद नवंबर की शुरुआत से ही बिना दस्तावेज वाले बांग्लादेशियों के वापस लौटने की कोशिशों में वृद्धि हुई है.

बंगाल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

SIR West Bengal: हर दिन 150-200 लोग लौट रहे बांग्लादेश

बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया है कि एसआईआर के चलते लगभग 150-200 लोग हर दिन बांग्लादेश लौट रहे हैं. 20 नवंबर 2025 तक लगभग 1,700 लोग सीमा पार कर चुके हैं.

Sir लागू होने के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा पर हो गयी है टोटो वालों की चांदी. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

जीरो लाइन की ओर बढ़ते लोग अवैध घुसपैठ की पुष्टि कर रहे – भाजपा

भाजपा का कहना है कि अपने छोटे-छोटे बैग और बच्चों को थामे जीरो लाइन की ओर बढ़ते लोगों की तस्वीरें पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ के उसके दावे को पुख्ता करती हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी यही तो कह रही है. एसआईआर ने घुसपैठियों को हिलाकर रख दिया है. आखिरकार सच्चाई सामने आ रही है. वे इसलिए जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें पकड़े जाने का डर है.

हकीमपुर में भारत-बांग्लादेश की सीमा पर अपने देश जाने के इंतजार में बांग्लादेशी महिलाएं. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों ने चुनावी जनसांख्यिकी को बदला – बीजेपी

भाजपा का मानना ​​है कि ये दृश्य उसके इस दावे को पुष्ट करते हैं कि ‘अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों’ ने दशकों से पश्चिम बंगाल की चुनावी जनसांख्यिकी को बदल दिया है. भाजपा प्रवक्ता कीया घोष ने कहा कि बांग्लादेशियों का वापस जाना उनके दावे को किसी संदेह के परे साबित करता है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से 5,000 नामों को हटाना भी भाजपा की बात को साबित करता है.

इसी नदी को पार करके बांग्लादेश लौटते हैं अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

एसआईआर एक सुनियोजित अभ्यास – तृणमूल कांग्रेस

दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर को एक सुनियोजित अभ्यास करार दिया है, जिसका उद्देश्य जबरन और राजनीति से प्रेरित कवायद को वैध बनाना है. तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने दावा किया कि हकीमपुर में कुछ भी स्वाभाविक नहीं है. यह वर्ष 2026 से पहले एक विमर्श गढ़ने और एसआईआर को सही ठहराने के लिए रचा गया एक नाटक है.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर हर दिन लग रही महिलाओं और बच्चों की कतार. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

अगर वे अवैध प्रवासी हैं, तो एक भी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?- टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णु मित्रा ने राजनीतिक मिलीभगत का आरोप लगाया. मित्रा ने पूछा कि क्या ये घुसपैठिये बीएसएफ द्वारा दरवाजा खोलने और पत्रकारों को रोजाना बयान देने का इंतजार कर रहे थे? अगर वे अवैध प्रवासी हैं, तो एक भी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? दलालों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

एसआईआर के खौफ से लौटने लगे बांग्लादेशी. फोटो : प्रशांत कुमार तिवारी

घुसपैठ के दावे को सही ठहराने के लिए एसआईआर की कवायद – तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता ने दावा किया कि इस कवायद का उद्देश्य केवल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से पहले एसआईआर की विश्वसनीयता साबित करना और भाजपा के घुसपैठ के दावे को सही ठहराना है.

इसे भी पढ़ें

एसआईआर में जान का जोखिम! सीईओ बंगाल के ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन, बीएलओ के लिए मुआवजे की मांग

बांग्लादेशी घुसपैठिये ने बताया, कैसे आया भारत और किस तरह बसा लिया घर, देखें Video

बंगाल समेत 9 राज्यों, 3 केंद्रशासित प्रदेशों में युद्धस्तर पर हो रहा वोटर गणना फॉर्म का डिजिटाइजेशन

4 दिसंबर तक भर लें एनुमरेशन फॉर्म, चूके तो नहीं कर पायेंगे मतदान

बंगाल में बीएलओ के आंदोलन का चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान, कोलकाता पुलिस से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट