एसआइआर प्रक्रिया कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग
कलकत्ता उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी, जिसमें राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया को अदालत की निगरानी में कराने की मांग की गयी.
कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर की गयी जनहित याचिका
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एसआइआर की घोषणा पर भी सवाल
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी, जिसमें राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया को अदालत की निगरानी में कराने की मांग की गयी. हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है. याचिकाकर्ता व अधिवक्ता सब्यसाची चटर्जी ने यह भी आग्रह किया है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की अवधि बढ़ायी जाये, ताकि प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सटीक रूप से पूरी की जा सके. साथ ही, याचिका में चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करने का निर्देश देने की मांग की गयी है कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राज्य में एसआइआर प्रक्रिया लागू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? साथ ही याचिकाकर्ता ने 2002 की पूरी मतदाता सूची को प्रकाशित करने की मांग की है. गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसी सप्ताह 12 राज्यों में एसआइआर प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है. राज्य में तीन चरणों में चलने वाली इस प्रक्रिया का पहला चरण चार नवंबर से आरंभ होगा. नौ दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी, जिसके बाद राजनीतिक दल और मतदाता अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. इन आपत्तियों का निस्तारण चुनाव आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा किया जायेगा. अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी 2026 को जारी की जायेगी. इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने इस प्रक्रिया की समय-सीमा पर आपत्ति जतायी है. पार्टी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यदि वास्तविक उद्देश्य त्रुटिरहित मतदाता सूची बनाना है, तो यह प्रक्रिया पर्याप्त समय लेकर की जानी चाहिए, न कि जल्दबाजी में. उन्होंने आरोप लगाया कि इनका उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना नहीं, बल्कि ‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’ (एसआइआर) करना है. वहीं, भाजपा ने कहा कि तृणमूल को डर है कि पुनरीक्षण के दौरान मतदाता सूची से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मतदाताओं के नाम हटा दिये जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
