हावड़ा नगर निगम का प्रशासनिक बोर्ड हुआ भंग, निगम आयुक्त बनीं प्रशासक
हावड़ा नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती व वाइस चेयरमैन सैकत चौधरी के अचानक इस्तीफा देने के बाद तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी फिर से सामने आ गयी है.
संवाददाता, हावड़ा
हावड़ा नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती व वाइस चेयरमैन सैकत चौधरी के अचानक इस्तीफा देने के बाद तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी फिर से सामने आ गयी है. हालांकि डॉ चक्रवर्ती ने इस्तीफा देने का कारण निजी बताया है, लेकिन इसमें कोई संशय नहीं कि इस इस्तीफे के पीछे का कारण व्यक्तिगत नहीं, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच की कलह है.
डॉ चक्रवर्ती ने उस समय इस्तीफा भेजा, जब शहर में छठ पर्व की तैयारी में निगम जुटा हुआ था. शहरी विकास मंत्रालय ने डॉ चक्रवर्ती का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. निगम के प्रशासनिक बोर्ड को भंग कर दिया गया है और निगम आयुक्त वंदना पोखरीवाल को निगम के प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस संबंध में सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी कर दी है. अब सवाल उठता है कि निगम आयुक्त अकेली 50 वार्डों का कामकाज कैसे संभालेंगीं. ऐसे में निश्चित तौर पर निगम की सेवाएं बाधित होंगी. चुनाव की संभावना दूर-दूर तक नहीं है. अगले वर्ष विधानसभा चुनाव है. सरकार विधानसभा चुनाव के पहले किसी भी हाल में निगम चुनाव नहीं करायेगी, क्योंकि सात साल से निगम चुनाव नहीं होने पर शहरवासियों में काफी गुस्सा है. शहरवासियों का कहना है कि यह कैसा गणतंत्र है, जहां हमलोगों को सात वर्षों से निगम चुनाव से वंचित रखा गया है. आखिर चुनाव कराने में सरकार को क्या परेशानी है.
एक गणतांत्रिक देश में निगम का चुनाव सात वर्षों से नहीं हुआ है. प्रशासनिक बोर्ड के भरोसे निगम का कामकाज चल रहा था कि इसी बीच दिन भर सीएम ममता बनर्जी की तारीफ करने वाले चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती पार्टी की आपसी कलह का शिकार हो गये. इससे पहले वाइस चेयरमैन को बाहर का रास्ता दिखाया गया.
डॉ चक्रवर्ती इस्तीफे का कारण भले ही व्यक्तिगत बतायें, लेकिन ये पब्लिक है, सब जानती है. सरकार जल्द चुनाव कराये.
-ओमप्रकाश सिंह, वकील व जिला सचिव, भाजपा
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