दाखिले में पारदर्शिता के लिए नया फरमान

कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी कॉलेजों में अभी दाखिले की प्रक्रिया चालू है. गत दिनों छात्र यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा एडमिशन के नाम पर घूस लेने की शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने एक नया कदम उठाया है. सभी कॉलेजों को एक नया सर्कुलर जारी करते हुए यह निर्देश दिया है कि एडमिशन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 8:12 AM
कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी कॉलेजों में अभी दाखिले की प्रक्रिया चालू है. गत दिनों छात्र यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा एडमिशन के नाम पर घूस लेने की शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने एक नया कदम उठाया है. सभी कॉलेजों को एक नया सर्कुलर जारी करते हुए यह निर्देश दिया है कि एडमिशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाये. इसमें ऑनलाइन एडमिशन के साथ, मेरिट सूची लगाने व बाहरी तत्वों को परिसर में घुसने पर रोक लगाने जैसी बातें शामिल हैं. शिक्षा विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

यह हेल्प लाइन नंबर (18001028014) टोल फ्री है. एडमिशन से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए छात्र, अभिभावक, टीचर व अन्य कोई भी व्यक्ति सीधे विभाग में डायल कर सकता है. यह हेल्पलाइन नंबर सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से 6 बजे तक खुली रहेगी. एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि डीपीआइ को मुख्यमंत्री ने यह हेल्पनाइन नंबर व सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया है. दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने के लिए ऐसा किया जा रहा है. कॉलेजों में हर तरह की अव्यवस्था रोकने के लिए शिक्षा विभाग नयी व्यवस्था कर रहा है.

कुछ प्रिंसिपलों ने इस कदम की सराहना की है. इस विषय में चित्तरंजन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ श्यामलेंदु चटर्जी ने बताया कि उनके कॉलेज में कभी भी दाखिले को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है. हमारे यहां एडमिशन संबंधी सभी राशि व फीस इलाहबाद बैंक में छात्र डायरेक्ट जमा करवाते हैं.

यह सुविधा 2013 से चल रही है. किसी आैर कॉलेज में बैंक में फीस जमा नहीं होती है. ऐसा नियम सभी कॉलेजों के लिए अगले साल से लागू किया जायेगा, ताकि पैसे की गड़बड़ी न हो. चित्तरंजन कॉलेज में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है. इसके लिए छात्रों को मात्र 100 रुपये का शुल्क देना पड़ता है. यहां कोई वित्तीय अव्यवस्था नहीं है, दाखिले में पारदर्शिता बरती गयी है. शिक्षा विभाग के इस फरमान से कॉलेज भी सतर्क हुए हैं. दाखिले को लेकर परेशान छात्रों की समस्या का समाधान होगा. यह एक सही कोशिश है.

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