चंदा वसूली से परेशान ट्रांसपोर्टर, व्यवसायी

दुर्गापुर : दुर्गापूजा की शुरुआत से लेकर कालीपूजा तथा दीपावली तक त्योहारी मौसम की गहमागहमी रहती है. इस बार त्योहारी मौसम में हरी सब्जियों से लेकर आवश्यक वस्तुओं तक की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ने की खास वजह दुर्गा पूजा से लेकर काली पूजा तक लगातार चंदा वसूली भी है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2019 12:59 AM

दुर्गापुर : दुर्गापूजा की शुरुआत से लेकर कालीपूजा तथा दीपावली तक त्योहारी मौसम की गहमागहमी रहती है. इस बार त्योहारी मौसम में हरी सब्जियों से लेकर आवश्यक वस्तुओं तक की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ने की खास वजह दुर्गा पूजा से लेकर काली पूजा तक लगातार चंदा वसूली भी है.

विभिन्न जिलों और अन्य प्रांतों से सब्जियों से भरे ट्रक राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंचते हैं. जिलों में ट्रकों के पहुंचने तक चालकों को 2,500 से लेकर 3,000 रुपये तक का चंदा देना पड़ता है. व्यवसायियों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों के दाम बढ़ाने के पीछे का एक कारण चंदे के रूप में मोटी रकम का भुगतान करना भी है.
इससे खर्च बढ़ जाता है और उसकी भरपाई आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों की कीमतें बढ़ाकर करनी पड़ती है. विभिन्न जगहों पर ट्रकों को रोककर चंदा वसूली आम बात है. लक्ष्मी पूजा और कालीपूजा बाकी है. कालीपूजा तक चंदा वसूली का आतंक बना रहेगा और इसका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा.
हालांकि मुख्यमंत्री ने जबरन चंदा वसूली के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है लेकिन अधिकांश पूजा आयोजक सत्तारूढ़ दल से ही जुड़े हैं. पुलिस उनके खिलाफ सीधे तौर पर कार्रवाई करने से हिचक रही है और व्यवसायी भी भय के कारण चंदा वसूलने वाले आकाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं.

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