36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मृत्यु का भय होता है खत्म, नवरात्रि के 7वें दिन वाराणसी में लगा भक्तों का तांता

navratri 2021 in varanasi: ऐसी मान्यता है कि काशी का यह अद्भुत व इकलौता मंदिर है जहां भगवान शंकर से रुष्ट हो कर माता पार्वती आईं और सैकड़ों साल तक कठोर तपस्या की.

काशी के दुर्गा मंदिरों में इन दिनों नवरात्रि की भारी भीड़ देखनी को मिलती हैं। सप्तमी तिथि स्वरूप आज माँ कालरात्रि के दर्शनों का विधान है. वाराणसी के मीरघाट क्षेत्र के कालिका गली में देवी स्थित है.नवरात्र में ऐसी मान्यता है कि कालरात्रि के पूजन-अर्चन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. या यूं कहें कि अकाल मृत्यु का संकट दूर हो जाता है. माता काल को काटती है.

शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां भवानी के कालरात्रि स्वरूप के दर्शन-पूजन का विधान है. वाराणसी में इनका मंदिर मीरघाट क्षेत्र के कालिका गली में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि काशी का यह अद्भुत व इकलौता मंदिर है जहां भगवान शंकर से रुष्ट हो कर माता पार्वती आईं और सैकड़ों साल तक कठोर तपस्या की.

माता के मंदिर परिसर का यह चमत्कार है कि जो भी भक्त यहां आते हैं वे माता के सिद्ध विग्रह के सामने ध्यान लीन हो जाते हैं. माता के दिव्य स्वरूप में विकराल रौद्र रूप के साथ- साथ ममतामयी स्वरूप भी नजर आता है. भक्त जो भी माँ से यहां मांगते हैं वे अवश्य ही माता पूर्ण करती हैं.

इसी मान्यता के अनुसार आज माता के चरणों में गुड़हल के पुष्प की माला, लाल चुनरी, नारियल, फल, मिष्ठान, सिन्दूर, रोली, इत्र और द्रव्य अर्पित के लिए तड़के सुबह से ही भक्तो का हुजूम माँ के दर्शन को उमड़ता है. हांथो में फूल-माला और नारियल लिए श्रद्धालु माँ की एक झलक पाने के लिए कतार में लगे हुए हैं. इस दौरान पूरा वातावरण जय माता दी और जय कालरात्रि माता के उद्घोष से गुंजायमान हो उठता है.

Also Read: Navratri 2021 7th Day: ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, जानें देवी मां की आरती, मंत्र, भोग व कथा

रिपोर्ट : विपिन कुमार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें