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सुप्रीम कोर्ट से लगा योगी सरकार को झटका, UP में CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों से जब्त संपत्ति लौटाई जाएगी

CAA विरोध: पिछले साल 9 जुलाई को शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि वह राज्य में सीएए विरोधी आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गए पहले नोटिस पर कार्रवाई नहीं करे.

CAA विरोध: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में शामिल लोगों की संपत्तियों को जब्त करने का फैसला बदल ल‍िया है और प्रदर्शनकारियों को भेजे सभी वसूली नोटिस को वापस ले लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 और 15 फरवरी को आदेश जारी कर सभी 274 नोटिस को वापस ले लिए गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने साथ ही नए कानून कर के तहत नया नोटिस जारी करने की इजाजत मांगी है.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अब तक की गई वसूली को वापस करने का निर्देश भी दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “राज्य सरकार ने नुकसान की वसूली के लिए नोटिस वापस ले लिया है.” अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न जिलों में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) की अगुवाई रिकवरी क्लेम ट्रिब्यूनल ने नुकसान की वसूली के लिए 274 नोटिस जारी किए थे. लखनऊ में प्रदर्शनकारियों को 95 नोटिस जारी की गई थी.

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बता दें कि यूपी सरकार ने सीएए(CAA) के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली का नोटिस भेजा था. इसी पर 11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए सरकार से कहा कि आप अगर कार्यवाही को नहीं रोकेंगे, तो न्यायालय इस कार्यवाही को निरस्त कर देगा. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि दिसंबर 2019 में शुरू की गई यह कार्रवाई उसके द्वारा प्रतिपादित कानून के खिलाफ है. इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है.

गौरतलब है कि पिछले साल नौ जुलाई को शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि वह राज्य में सीएए विरोधी (CAA Protest)आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गए पहले नोटिस पर कार्रवाई नहीं करे. हालांकि अदालत ने कहा कि राज्य कानून के अनुसार और नए नियमों के अनुसार कार्रवाई कर सकता है.

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