लॉकडाउन में फोन पर ऑर्डर किया, 4 समोसे भिजवा दो… डीएम ने पहले समोसे भिजवाये, फिर दी ये सजा

dm ordered man to wash gutter for ordering samosas to control room of rampur district during coronavirus lockdown रामपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में इन दिनों लॉकडाउन है. बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास कुछ काम ही नहीं है. काम-धाम नहीं है, तो कुछ लोगों को मसखरी सूझ रही है. ऐसे समय में, जब पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जूझ रहा है, एक व्यक्ति को प्रशासन के साथ मजाक करने की सूझी. उसने जिला मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम को फोन लगाया और चार समोसे के ऑर्डर दे दिये. समोसे तो आ गये, लेकिन उसके बाद उसकी जो हालत हुई, उसका मजा पूरी दुनिया ले रहा है.

By Mithilesh Jha | March 30, 2020 9:56 AM

रामपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में इन दिनों लॉकडाउन है. बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास कुछ काम ही नहीं है. काम-धाम नहीं है, तो कुछ लोगों को मसखरी सूझ रही है. ऐसे समय में, जब पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जूझ रहा है, एक व्यक्ति को प्रशासन के साथ मजाक करने की सूझी. उसने जिला मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम को फोन लगाया और चार समोसे के ऑर्डर दे दिये. समोसे तो आ गये, लेकिन उसके बाद उसकी जो हालत हुई, उसका मजा पूरी दुनिया ले रहा है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के रामपुर जिला के एक व्यक्ति ने कोरोना वायरस से दौरान लोगों की समस्या दूर करने के लिए बने कंट्रोल रूम को समोसा का ऑर्डर दे दिया. जिलाधिकारी औंजनेय कुमार सिंह ने पहले उसे 4 समोसे भिजवाये. फिर उस व्यक्ति को कंट्रोल रूम को बेवजह परेशान करने के लिए सामाजिक कार्य के तहत नाली की सफाई का काम सौंप दिया. बाकायदा उनसे नाली की सफाई भी करायी गयी. इसे डीएम साहब ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर दिया.

रामपुर के डीएम के ट्विटर हैंडल से जो ट्वीट किया गया है, उसमें लिखा है, ‘4 समोसा भिजवा दो… चेतावनी के बाद आखिर भिजवाना ही पड़ा.’ उसकी अगली लाइन है, ‘अनावश्यक मांग कर कंट्रोल रूम को परेशान करने वाले व्यक्ति से सामाजिक कार्य के तहत नाली सफाई का कार्य कराया गया.’

रामपुर के डीएम साहब के इस ट्वीट पर लोगों के ढेर सारे कमेंट भी आने लगे. इस ट्वीट को 12 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है, तो 3.8 हजार लोगों ने इसे री-ट्वीट किया है. लोग डीएम साहब की कार्रवाई की प्रशंसा कर रहे हैं. कुछ लोग फोन करने वाले व्यक्ति को मिली सजा पर मजा ले रहे हैं, तो कुछ ने डीएम साहब को अपनी सलाह भी दी है. फतेहपुर जिला के लोगों को उनके कार्यकाल की याद आ गयी. उन लोगों ने लिखा है कि जिले के लोग उन्हें काफी मिस करते हैं.

ट्विटर पर धनंजय सिंह लिखते हैं कि सही हुआ. डॉ कपिल परमार लिखते हैं, ‘बहुत सही सर.’ जयवर्धन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार दी. उन्होंने लिखा, ‘श्रीमान जब तक बंदी रहे, ऐसे व्यक्ति से सामाजिक कार्य यानी सफाई करवाते रहें और समोसे भिजवाते रहें. ऐसे लोग अधिकारियों की सेवा को हास्यास्पद बनाने प्रयास कर रहे हैं.’ भरतवंशी के ट्विटर अकाउंट से ऐसा कमेंट आया, ‘बेहतरीन कार्यशैली है आपकी सर.’

किसी गुजराती व्यक्ति ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ‘अब जिंदगी में कभी समोसे के बारे में सोचेगा भी नहीं. और लोग उसे समोसे ही ऑफर करते रहेंगे.’ सुरभि शेखर तिवारी ने कंट्रोल रूम को फोन करने वाले को नमूना करार दे दिया है. उन्होंने लिखा है, ‘कैसे कैसे नमूने भरे हैं. पर आपने जो किया, वो काबिल-ए-तारीफ है.’

सिलसिला यहीं नहीं थमा. भारत सिंह सेंगर ने डीएम साहब को सलाह दे डाली कि इस शख्स से एक समोसे के बदले एक वार्ड की सफाई करवानी चाहिए. यानी चार समोसे के बदले इनसे चार वार्ड की नालियां साफ करवानी चाहिए. सुधांशु रंजन ने तो डीएम साहब से यहां तक कह डाला कि इस शख्स से टॉयलेट साफ कराया जाना चाहिए. उन्होंने आगे लिखा है कि पूरा फतेहपुर जिला आपको बहुत याद करता है महोदय.

अंजलि लिखती हैं, ‘साथ में मीठी चटनी भी मांगी हो, तो गटर भी साफ करवा लेना, सर.’ प्रतीक पंड्या का कमेंट भी कम मजेदार नहीं था. उन्होंने डीएम साहब को लिखा, ‘हमारी सोसाइटी में भी सफाई हेतु इस नमूने को भेजने की कृपा करें. अन्यथा कंट्रोल रूम का नंबर हमारे पास भी है.’ अब जरा नदीम इरफान का कमेंट देखिए, ‘यदि उसने पकौड़े की मांग की होती, तो सजा कुछ और ही होती.’

एम श्रीवास्तव के कमेंट में राजनीति का पुट रहा. उन्होंने कहा कि समोसा की अनावश्यक मांग करने पर नाली साफ करने की सजा, तो फिर अनावश्यक अवैध जमीन अतिक्रमण करने वाला आजम क्या-क्या साफ करता होगा. दीपक सिंघई लिखते हैं, ‘मोदी है तो मुमकिन है, योगी है तो सर्वोत्तम है.’

हर्षिता शुक्ला ने डीएम को राजा विक्रमादित्य करार दे दिया. उन्होंने लिखा, ‘सर, यह रामपुर डीएम की कुर्सी है या राजा विक्रमादित्य का सिंहासन कि तुरंत उचित न्याय कर देते हैं.’ रूही मिश्रा लिखती हैं कि ऐसे लोगों से रोज ऐसे ही काम करवाइए. वीजे नाम से ट्विटर अकाउंट चलाने वाले ने लिखा है, ‘ये चटोरी जीभ आदमी से क्या‌-क्या नहीं करवाती‌. हो सकता है बेचारे की पत्नी जिद कर रही हो?’ चटोरी जीभ की बात हुई, तो ढेर सारे लोगों ने चटखारे लेने शुरू कर दिये.

सागरिका दास ने लिखा है कि ऐसे लोगों से चुन-चुन के बदला लिया जाये. वहीं, दीपक कुमार कुशवाहा कहते हैं कि बहुत अच्छा किया सर. ऐसे लोगों को ऐसे ही समाज सेवा के काम में लगायें. अर्पित कुमार सिंह लिखते हैं, ‘बहुत सही किया सर. ऐसे जाहिलों को तुरंत किसी सामाजिक कार्य में लगाइये. घर पर बैठकर बड़ी अनेत कर रहा होगा.’

किसी गुजराती शख्स ने इन शब्दों में चुटकी ली है, ‘आप तो बड़े दयालु हैं. नाली में उतारा भी नहीं. विक्रम प्रताप सिं चंदेल ने अपनी प्रतिक्रिया में उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन की तस्वीर पोस्ट कर दी है. उन्होंने कुछ लिखा नहीं है. सिर्फ किम जोंग उन का फोटो शेयर किया है.

ऐसा नहीं है कि डीएम साहब की सिर्फ प्रशंसा ही हो रही है. एक व्यक्ति ने डीएम साहब की इस कार्रवाई पर सख्त ऐतराज भी जताया है. संजय कपूर नामक इस शख्स ने लिखा है, ‘ऐसे समय में जब देश राष्ट्रीय आपदा के दौर से गुजर रहा है, आपको ऐसे छोटे-मोटे मामलों में पड़ने की क्या जरूरत थी. आपने लॉकडाउन को सफल बनाने पर ध्यान देने की बजाय ऐसी बात पर क्यों अपना वक्त जाया किया.’

उन्होंने आगे लिखा है, ‘यह आपके लिए अपनी शक्ति प्रदर्शन या शक्ति के दुरुपयोग को प्रदर्शित करने का एक रोमांच हो सकता है. लेकिन आपने राष्ट्रीय संकट के ऐसे समय में गंभीर मुद्दों में भाग लेने के लिए अपना समय क्यों नहीं घटाया और निवेश नहीं किया? यह एक आपकी शक्ति प्रदर्शन या एक व्यक्ति को अपमानित करने के लिए शक्ति का दुरुपयोग आपके लिए रोमांचक हो सकता है. लेकिन, आपकी संवेदनशीलता कहां गयी? आपके विवेक को क्या हो गया? इस पर विचार कीजिए!

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