Rourkela News : आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाये जायें
आदिवासी नेताओं ने आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा व उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया
Rourkela News :
निर्मल मुंडा खुटकटी ट्रस्ट और ट्राइबल डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से शनिवार को सेक्टर-13 स्थित कम्युनिटी सेंटर में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. इसकी अध्यक्षता ट्रस्ट के अध्यक्ष बंधना टोप्पो और सचिव जेरोम केरकेट्टा ने की. इसके अलावा फाउंडेशन के अध्यक्ष साजित कुमार टोप्पो के अलावा विभिन्न आदिवासी संगठनों के अध्यक्ष मौके पर उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पानपोष रेंजर ज्ञानेंद्र लिमा, विशिष्ट अतिथि डॉ सुरेखा नायक, प्रिंसिपल, लेफ्रिपाड़ा कॉलेज उपस्थित थीं. सम्मानित वक्ता सुषमा टिर्की ने इस अवसर पर अपने विचार रखे. आदिवासी नेताओं ने मौके पर जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा का आह्वान किया. उन्होंने आदिवासियों के उत्पीड़न को रोकने और उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया. कहा कि जल, जंगल और जमीन आदिवासियों के जीवन का अभिन्न अंग हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाये जायें. वहीं, आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा को लेकर जागरूकता का आह्वान किया गया. साथ ही कहा गया कि आदिवासियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा और उन्हें प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना होगा. इस अवसर पर बताया गया कि भारत में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई संवैधानिक प्रावधान हैं. इनमें पंचायती राज अधिनियम, 1996 और वन अधिकार अधिनियम, 2006 प्रमुख हैं. इन अधिनियमों के तहत आदिवासियों को अपने जल, जंगल और जमीन पर अधिकार प्राप्त हैं. सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इनमें आदिवासियों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रयास शामिल हैं. इसके अलावा सरकार ने आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन इसका लाभ सभी आदिवासियों तक किस तरह पहुंच पायेगा, इसके लिये भी सरकार से ध्यान देने की मांग रखी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
