Rourkela News : एनआइटी राउरकेला को स्पार्क योजना के तहत मिले 1.82 करोड़ रुपये के दो प्राेजेक्ट
स्पार्क योजना का उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर अनुसंधान, शैक्षणिक आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण को सशक्त करना है
Rourkela News : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) राउरकेला को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ एकेडमिक एंड रिसर्च कोलेबोरेशन (स्पार्क) के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं. इन दोनों परियोजनाओं के लिए कुल 1.82 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग स्वीकृत की गयी है. प्रत्येक परियोजना की अवधि दो वर्ष निर्धारित की गयी है. स्पार्क योजना का उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर अनुसंधान, शैक्षणिक आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण को सशक्त करना है. पहली परियोजना हेल्थकेयर में स्मार्ट एक्सोस्केलेटन है. यह ग्रामीण अनुप्रयोगों के लिए स्केलेबल एक्सोसूट विषय पर आधारित है, जिसकी कुल लागत 95.16 लाख रुपये है. इस परियोजना का नेतृत्व कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनूप नंदी प्रधान अन्वेषक के रूप में कर रहे हैं, जबकि डॉ रत्नाकर डैश सह-प्रधान अन्वेषक हैं. यह परियोजना अमेरिका के ओमाहा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का के सहयोग से संचालित की जा रही है. इसका उद्देश्य बीमारी या चोट के बाद मरीजों, विशेषकर बुजुर्गों और स्ट्रोक पीड़ितों की गतिशीलता सुधारने के लिए किफायती, स्केलेबल और उपयोग में आसान पहनने योग्य रोबोटिक उपकरण विकसित करना है. इसमें स्मार्ट सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से निचले अंगों की गति के विश्लेषण और पुनर्वास को अधिक प्रभावी बनाया जायेगा, खासकर ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल संदर्भों में. दूसरी परियोजना कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए स्मार्ट और टिकाऊ प्रौद्योगिकी का डिजाइन और विकास पर केंद्रित है, जिसके लिए 87.24 लाख रुपये की फंडिंग मंजूर की गयी है. इस परियोजना के प्रधान अन्वेषक खाद्य प्रसंस्करण इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मधुरेश द्विवेदी हैं तथा प्रो रमा चंद्र प्रधान सह-प्रधान अन्वेषक हैं. यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं के साथ किया जा रहा है. परियोजना का लक्ष्य कृषि-खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जांच के लिए एक तेज़, सरल और नॉन-डिस्ट्रक्टिव तकनीक विकसित करना है, जिससे खेतों, बाजारों और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों में रियल-टाइम गुणवत्ता आकलन संभव हो सके. ये दोनों परियोजनाएं एनआइटी राउरकेला की अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग और समाजोपयोगी अनुसंधान में बढ़ती भूमिका को दर्शाती हैं.
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