Rath Yatra 2025: हरिभंजा में कल निकलेगी प्रभु जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा, 250 साल पुरानी है परंपरा

Rath Yatra 2025: आज नेत्रोत्सव के बाद 27 जून को झारखंड के खरसावां से प्रभु जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकलेगी. खरसावां के हरिभंजा में निकलने वाली यह रथयात्रा 250 साल पुरानी परंपरा है. इस दौरान जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. कलिंग शैली में बना जगन्नाथ स्वामी का मंदिर भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र है.

By Rupali Das | June 26, 2025 9:45 AM

Rath Yatra 2025 | खरसावां, शचींद्र कुमार दाश: खरसावां के हरिभंजा में प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा काफी भव्य और पारंपरिक तरीके से निकाली जाती है. यहां रथयात्रा निकालने की परंपरा करीब 250 साल पुरानी है. इसकी शुरुआत 17वीं सदी में सिंहदेव वंश के जमींदारों द्वारा जगन्नाथ मंदिर की स्थापना के साथ हुई थी. तब से लेकर आज तक यहां प्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, माता सुभद्रा और सुदर्शन की पूजा होती आ रही है.

पुरी की तर्ज पर होते हैं धार्मिक अनुष्ठान

यहां की रथयात्रा समेत तमाम धार्मिक अनुष्ठान पुरी (ओडिशा) की परंपरा और शैली के अनुरूप होते हैं. रथयात्रा को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर वर्ष हरिभंजा पहुंचते हैं. सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार विशिष्ट रस्मों और विधियों के साथ रथयात्रा निकाली जाती है.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

छेरा-पंहरा के साथ होती है रथयात्रा की शुरुआत

Rath yatra 2025 image source- freepik

पुरी की तरह ही हरिभंजा में पारंपरिक “छेरा-पंहरा” रस्म का विशेष महत्व है. रथयात्रा की शुरुआत इससे ही होती है. इस रस्म के अंतर्गत गांव के जमींदार विद्या विनोद सिंहदेव सड़क पर चंदन जल छिड़कते हुए झाड़ू लगाते हैं, जो प्रभु के प्रति सेवा भाव का प्रतीक है. इसके बाद प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं को झुलाते हुए (‘पोहंडी’ विधि) मंदिर से रथ तक ले जाया जाता है. इस दौरान प्रभु को विशेष रूप से तैयार मुकुट पहनाया जाता है, जिसे बाद में रथ पर विराजमान करने के बाद भक्तों के बीच वितरित कर दिया जाता है.

इसे भी पढ़ें सावधान! झारखंड में आज भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी, 27, 28 और 29 जून को भी भारी बारिश

रथ के आगे चलते हैं संकीर्तन व घंटवाल दल

हरिभंजा की रथयात्रा में आगे-आगे संकीर्तन और घंटवाल दल चलते हैं. लगभग 50 सदस्यीय यह दल भजन-कीर्तन करते हुए रथ के आगे चलता है. इस दल को विशेष रूप से ओडिशा से आमंत्रित किया जाता है, जो यात्रा में धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण को जीवंत कर देता है.

इसे भी पढ़ें Crime News: चोरों ने खाली घर को बनाया निशाना, 30 लाख कैश और 14 लाख के गहने लेकर हुए फरार

आकर्षण का केंद्र बना कलिंग शैली में बना मंदिर

हरिभंजा स्थित नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. साल 2015 में इसका पुनर्निर्माण ओडिशा के कारीगरों द्वारा कलिंग वास्तुशैली के अनुरूप किया गया. मंदिर की बाहरी दीवारों पर भगवान विष्णु के दशावतार की सुंदर मूर्तियां स्थापित की गयी हैं, जबकि भीतर द्वारपाल, जय-विजय और दस दिग्पालों की प्रतिमाएं विराजमान हैं.

इसे भी पढ़ें

Rain Alert : रांची के कई इलाकों में सुबह से हो रही बारिश, IMD का येलो अलर्ट, सतर्क रहने की दी सलाह

शिबू सोरेन से मिलने सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे राज्यपाल संतोष गंगवार, जल्द स्वस्थ होने की कामना की

LPG Gas Cylinder Price Today: आज 26 जून 2025 को आपको कितने में मिलेगा एलपीजी सिलेंडर, यहां चेक करें रेट