सड़का पर दिखा आदिवासी संगठनों का आक्रोश, खरसावां में वाहनों का पहिया और दुकानों का संचालन थमा
Kolhan Bandh: कोल्हान बंद का खरसावां में व्यापक असर दिखा. बंद समर्थकों ने दुकानें और यात्री वाहन बंद कर दिया. सोमवार शाम को नो-एंट्री की मांग पर आदिवासी संगठनों का प्रदर्शन हुआ था, लेकिन पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ ट्राइबल्स ने बंद का आह्वान किया.
kolhan Bandh, सरायकेला-खरसावां, शचिंद्र दाश : खरसावां में बुधवार को बुलाये गये कोल्हान बंद का व्यापक असर देखने को मिला है. चाईबासा में एनएच और बाईपास पर नो-एंट्री लागू करने की मांग को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा इस बंद को बुलाया गया था. इसकी वजह से सुबह से ही शहर की सभी दुकानें बंद रहीं और यात्री वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप हो गया.
कई रूटों पर यात्री वाहनों का परिचालन ठप
खरसावां से कुचाई, सरायकेला, जमशेदपुर, चाईबासा सहित अन्य रूटों पर जाने वाली यात्री गाड़ियों का परिचालन रुकने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मुख्य बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सुबह से ही बंद थे. इक्के दुक्के दुकानों के खुले होने की जानकारी मिली तो समर्थकों ने उसे भी बंद करा दिया.
बंद समर्थकों ने शांतिपूर्ण तरीके से किया प्रदर्शन
इससे पहले मंगलवार की शाम को आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकाल कर कोल्हान बंद का आह्वान किया था. बुधवार सुबह करीब 10 बजे आदिवासी हो समाज महासभा के जिला उपाध्यक्ष मनोज सोय के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के सदस्य चांदनी चौक पहुंचे और सड़क पर बैठकर नारेबाजी की. बंद समर्थकों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया.
पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज किया
दरअसल सोमवार शाम ग्रामीणों के एनएच और बाईपास पर नो-एंट्री लागू करने की मांग को लेकर धरना दे रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ दिया. जिससे घरना दे रहे लोग भड़क उठे और बुधवार को कोल्हान बंद का अह्वान किया, इस बंद को आदिवासी संगठनों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी का भी समर्थन मिला है. दूसरी ओर, जिला मुख्यालय सरायकेला में कोल्हान बंद का मिला-जुला प्रभाव देखने को मिला.
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