खरसावां गोलीकांड के शहीदों की पहचान के लिए बनेगी उच्चस्तरीय न्यायिक जांच समिति, विधानसभा में बोले मंत्री योगेंद्र प्रसाद

Kharsawan Golikand News: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने खरसावां के विधायक दशरथ गागराई के एक सवाल के जवाब में कहा कि खरसावां गोलीकांड के शहीदों की पहचान के लिए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच समिति का गठन किया जायेगा. खरसावां में 1 जनवरी 1948 को गोलीकांड हुआ था. इसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गये थे. देश की आजादी के बाद हुए पहले गोलीकांड का कोई सरकारी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है.

By Mithilesh Jha | December 10, 2025 7:04 PM

Kharsawan Golikand News| रांची/खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश : भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1 जनवरी 1948 को हुए खरसावां गोलीकांड में शहीद लोगों की पहचान के लिए झारखंड सरकार उच्चस्तरीय न्यायिक जांच समिति (आयोग) का गठन करेगी. बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में खरसावां के विधायक दशरथ गागराई के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने यह बात कही.

योगेंद्र प्रसाद बोले- खरसावां गोलीकांड आदिवासी संघर्ष और शहादत का प्रतीक

गृह विभाग से जुड़े सवाल का जबाव देते हुए मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि खरसावां गोलीकांड आदिवासी संघर्ष और शहादत का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि शहीद हुए लोगों की पहचान के लिए 9 जनवरी 2015 को एक समिति का गठन किया गया था. समिति ने स्वीकार किया है कि मामले में व्यापक जांच-पड़ताल की आवश्यकता है. जब तक जांच-पड़ताल नहीं होगी, तब तक वस्तुस्थिति का आकलन नहीं हो सकेगा कि कितने लोग शहीद हुए? कहां-कहां से लोग आये थे?

खरसावां गोलीकांड के शहीदों की याद में बनी शहीद बेदी. फोटो : प्रभात खबर

Kharsawan Golikand: बंगाल, ओडिशा और खरसावां में हुई थी जांच

समिति के लोगों ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी जांच की थी. इसमें 2 लोगों का ही पता चल सका. समिति ने स्वीकार किया है कि एक जनवरी 1948 को खरसावां में लाखों की संख्या में भीड़ जुटी थी. यह स्वतंत्र भारत में जलियावाला बाग जैसी पहली घटना थी. खरसावां गोली कांड के शहीदों की पहचान के लिए सरकार शीघ्र न्यायिक समिति का गठन करेगी. समिति पता लगायेगी कि उस दिन कितने लोग शहीद हुए थे.

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खरसावां गोली कांड का सरकारी दस्तावेज में उल्लेख नहीं – गागराई

विधायक दशरथ गागराई ने सदन में कहा कि जलियावाला बाग की घटना सरकारी दस्तावेज में दर्ज है, लेकिन खरसावां गोली कांड का कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि 1 जनवरी को देश भर के लोग नये साल का उत्सव मनाते हैं. खरसावां एकमात्र ऐसी जगह हैं, जहां लोग 1 जनवरी को शहीद दिवस मनाते हैं. राज्य गठन को 25 वर्ष पूरे हो गये, लेकिन शहीदों की पहचान नहीं हो पायी.

विधायक ने की है राज्य स्तर पर न्यायिक आयोग के गठन की मांग

खरसावां के विधायक ने झारखंड सरकार से मांग की है कि राज्य स्तर पर एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया जाये, ताकि शहीदों की पहचान की जा सके. विधायक दशरथ गागराई ने उम्मीद जतायी कि सरकार अगले बजट सत्र तक न्यायिक जांच आयोग का गठन करेगी.

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