ranchi news : सीआइएससीइ 10वीं बोर्ड की परीक्षा में मैथ्स विषय के लिए बढ़े समय का लाभ उठायें विद्यार्थी, समय प्रबंधन में मिलेगा फायदा

ranchi news : सीआइएससीइ बोर्ड की 10वीं कक्षा की गणित परीक्षा को लेकर वर्ष 2023 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया था. इसमें मैथ्स विषय की परीक्षा का समय ढाई घंटे से बढ़ाकर तीन घंटे कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 28, 2025 12:54 AM

रांची. सीआइएससीइ बोर्ड की 10वीं कक्षा की गणित परीक्षा को लेकर वर्ष 2023 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया था. इसमें मैथ्स विषय की परीक्षा का समय ढाई घंटे से बढ़ाकर तीन घंटे कर दिया गया है. इससे विद्यार्थियों को प्रश्न समझने और हल करने में अधिक सुविधा मिलेगी. हालांकि विषय के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सीआइएससीइ स्कूल में मैथ्स विषय के शिक्षकों ने कहा कि अब तीन घंटे का समय मिलने से छात्रों को लाभ मिलेगा. कोरोना काल के बाद पेपर में काफी बदलाव हुआ है. अप्लीकेशन आधारित सवाल बढ़ाये गये हैं. समय बढ़ने से स्टूडेंट्स प्रश्नपत्र को बेहतर समझ सकेंगे. सवालों को हल करने में सुविधा होगी.

सवाल में स्टेप न छोड़ें,

इससे गलतियां कम होंगी

संत फ्रांसिस स्कूल हरमू के मैथ्स शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि पहले 10वीं क्लास के मैथ्स विषय में 10-15 प्रतिशत सवाल एनालिटिकल और क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित होते थे. इस साल से इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक कर दिया गया है. इसको देखते हुए परीक्षा अवधि भी बढायी गयी है. इससे स्टूडेंट्स बेहतर टाइम मैनेजमेंट कर सकेंगे. सवाल हल करने में कम तनाव होगा. जल्दबाजी में गलतियां करते थे, उसमें कमी आयेगी. परीक्षा के बाद पेपर रिवाइज कर सकेंगे. परीक्षा देनेवाले स्टूडेंट्स समय का ध्यान रखते हुए सवालों का जवाब दें. सवाल में स्टेप न छोड़ें. इससे गलतियां कम होंगी. पूरे अंक भी मिलेंगे.

परीक्षा केंद्र में रीडिंग टाइम का सही इस्तेमाल करें

संत जेवियर्स स्कूल डोरंडा के मैथ्स शिक्षक रत्न भूषण ने बताया कि परीक्षा केंद्र में रीडिंग टाइम का सही इस्तेमाल करें. इस दौरान सेक्शन बी में किन चार सवालों को हल कर सकते हैं, यह तय कर लें. साथ ही एक-दो सवाल बैकअप में रखें, ताकि अगर किसी सवाल में फंस गये, तो उस सवाल को हल कर सकते हैं.

ये हैं मुख्य बिंदू

पहले 2.5 घंटे का समय मिलता था, अब तीन घंटे का मिलेगा. इससे छात्र बेहतर टाइम मैनेजमेंट कर सकेंगे. परीक्षा पैटर्न में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन अप्लीकेशन आधारित सवालों की संख्या बढ़ायी गयी है. पहले 10-15% ऐसे प्रश्न होते थे, अब यह बढ़कर 25% हो गया है. अतिरिक्त समय मिलने से छात्र उत्तरों की समीक्षा कर पायेंगे, जिससे गलतियों की संभावना कम होगी.

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