संगीतमय शिव-पार्वती विवाह प्रसंग सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

होसिर गांव में चल रहे श्रीरुद्र महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार रात कथा वाचक आचार्य सत्येंद्र कुमार मिश्रा के संगीतमय शिव-पार्वती विवाह प्रसंग पर श्रोता रात भर भक्ति सागर में गोता लगाते रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2025 6:33 PM

पिपरवार. होसिर गांव में चल रहे श्रीरुद्र महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार रात कथा वाचक आचार्य सत्येंद्र कुमार मिश्रा के संगीतमय शिव-पार्वती विवाह प्रसंग पर श्रोता रात भर भक्ति सागर में गोता लगाते रहे. इस प्रसंग में श्री मिश्रा ने सारगर्भित तरीके से कथा वाचन किया. कथा के दौरान स्थानीय लड़कियों ने विभिन्न पात्रों का रूप धारण कर झांकियां प्रस्तुत की. बताया कि राजा दक्ष प्रजापति अपने भुजबल प्रताप के द्वारा यज्ञ कर रहे थे. उस यज्ञ में भगवान शिव का स्थान न देख कर माता पार्वती काफी क्रोधित हो गयी. माता पार्वती पिता द्वारा पति का अपमान सहन नहीं कर सकी और उन्होंने धधकते यज्ञ कुंड में अपने शरीर को नष्ट कर लिया. भगवान शिव इस समाचार को पा कर काफी क्रोधित हुए. उन्होंने अपनी जटा से वीरभद्र को प्रकट कर यज्ञ का विध्वंश करवा दिया. राजा दक्ष के मस्तष्क का भेदन कर उसके स्थान पर बकरे का सिर लगा दिया. बताया कि फिर भगवान विष्णु के वरदान के अनुसार राजा हिमाचल के यहां माता सती का जन्म हुआ. माता सती का जन्म होने के समाचार पा कर नारद मुनी हिमाचल के घर गये. तब माता मैना के अनुरोध पर भाग्य बताते हुए नारजी कहते हैं कि भाग्य में सब कुछ अच्छा है, पर इसके पति का दाढ़ी जूट समान होगी. उसके तीन नेत्र होंगे. न घर मिलेगा और न द्वार मिलेगा. बैल की सवारी मिलेगी. लेकिन इसमें अच्छाई होगी कि लीलार पर चमकता चंद्रमा मिलेगा. श्री मिश्रा ने नारद की भविष्यवाणियों को जब भजनों के माध्यम से गा कर सुनाया तो श्रोता झूमने पर विवश हो गये.

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