jharkhand Coronavirus Update : राज्य से 50 सैंपल जांच के लिए भेजे गये पुणे, रिपोर्ट आने के बाद जारी हो सकती है नयी गाइडलाइन

झारखंड से 50 सैंपल जांच के लिए भेजे गये पुणे

By Prabhat Khabar | December 28, 2020 10:20 AM

रांची : झारखंड से 50 कोरोना संक्रमितों के सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल (एनआइबी) भेजे गये हैं. संभावना जतायी जा रही है कि इनमें ब्रिटेन से आये लोगों के सैंपल भी हो सकते हैं. झारखंड के सैंपल 25 दिसंबर को पुणे भेजे गये थे. उम्मीद है कि जल्द ही उनकी रिपोर्ट आ जायेगी. उसके बाद ही झारखंड में कोरोना के नये स्ट्रेन की मौजूदगी का पता चल पायेगा. उसके आधार पर नयी गाइडलाइन जारी की जा सकती है.

32 लोग ब्रिटेन से झारखंड पहुंचे हैं :

इधर, राज्य स्वास्थ्य विभाग को अब तक जो आंकड़े मिले हैं, उसके मुताबिक हाल के दिनों में 32 लोग ब्रिटेन से झारखंड पहुंचे हैं. ब्रिटेन में कोरोना वायरस के म्यूटेशन से उसमें 17 तरह के बदलाव एक साथ हुए हैं. ऐसे में वायरस की चपेट में ज्यादातर युवा आ रहे हैं. ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के म्यूटेंट को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर है. मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद वायरस के नये स्वरूप की खोज की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है.

नये म्यूटेंट का संक्रमण तेज, सावधानी जरूरी

रांची. कोरोना वायरस के नये म्यूटेंट (बदले स्वरूप) से संक्रमण का फैलाव तेजी से होगा. विशेषज्ञों के अनुसार इससे संक्रमण का फैलाव 65 से 70 फीसदी ज्यादा होता है. तेजी से फैलने वाले वायरस के बदले स्वरूप से खुद को बचाने के लिए सावधानी व सतर्कता जरूरी है. राहत की बात यह है कि म्यूटेंट वायरस का दुष्प्रभाव पहले से कम होगा. संक्रमित लोगों को सीधे वेंटीलेटर या आइसीयू मेंं भर्ती करने की नौबत नहीं होगी. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि संक्रमण की जटिलता कम होगी.

इसके बावजूद सामाजिक दूरी, मास्क व हाथों की सफाई बेहद जरूरी है. ब्रिटेन से कई लोग झारखंड लौटे हैं, इसलिए सतर्क रहना होगा. इधर राज्य व राजधानी में कोरोना से संक्रमित होने वाले फिर बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है वायरस में हमेशा म्यूटेशन होता है. वह अपना स्वरूप बदलता है, लेकिन वायरस म्यूटेंट होने के बाद खुद मर भी जाता है.

वहीं कुछ वायरस ऐसे भी होते हैं, जो म्यूटेंट होने के बाद पहले से ज्यादा खतरनाक हो जाते है. ऐसे में वायरस का नया स्वरूप यानी स्ट्रेन तेजी से संक्रमण फैलाता है. पहले की महामारी में ऐसा देखा गया है कि म्यूटेंट होकर वायरस ज्यादा खतरनाक हो गया है.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version