विभाग की अव्यवस्था से परेशान ठेकेदारों ने उत्खनन विभाग में काम करना बंद किया
एनके एरिया में उत्खनन विभाग के ठेकेदारों ने पिछले दो दिनों से पूरी तरह काम बंद कर दिया है,
डकरा. एनके एरिया में उत्खनन विभाग के ठेकेदारों ने पिछले दो दिनों से पूरी तरह काम बंद कर दिया है, जिसके कारण संकट के दौर से गुजर रही एरिया की स्थिति चिंताजनक हो गयी है. विभाग में काम करनेवाले ठेकेदारों ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों जो अधिकारी निर्णायक पद पर काम कर रहे हैं, वे प्रतिदिन अपने हिसाब से अपने लोगों को नया-नया काम आवंटित कर ठेकेदार बना रहे हैं. यह एकमात्र ऐसा विभाग है, जहां आज भी विजलेंस गाइडलाइंस की अनदेखी कर मौखिक काम बांटा जाता है. अधिकारियों ने परियोजना से लेकर एरिया तक एक समूह बना लिया है और प्राक्कलन तैयार होने से पहले ही जिस ठेकेदार ने अधिक खर्च किया, उसे काम करने के लिए बोल दिया जाता है और टेंडर की बारी आती है, तो अधिकारी दूसरे ठेकेदारों को टेंडर डालने से मना करते हैं. पिछले दिनों विभाग का एक बाबू ठेकेदार को फोन कर बता रहा था कि साहब का कमीशन 3% से बढ़कर 7% हो गया है, जो काफी वायरल हुआ था. इस अव्यवस्था से परेशान कुछ लोगों ने बाहर के ठेकेदार से टेंडर डलवाना चालू कर दिया, तो अधिकारी ऐसे टेंडर को कुछ कारण बता कर कैंसिल करना शुरू कर दिये. पूरे सिस्टम का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद इस तरह बढ़ गया है कि काम करने वाले पुराने ठेकेदारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है. पिछले दिनों 6 लाख 39 हजार 482.40 रुपए का टेंडर को सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दिया गया, क्योंकि उसमें एनसीएल का एक ठेकेदार ने टेंडर डाल दिया था, जो काम होने के बाद टेंडर जारी हुआ था. बताया जा रहा है कि अभी और तीन काम में उसी ठेकेदार ने टेंडर डाल दिया है, जिसे कैंसिल करने की तैयारी है. इस संबंध में विभागीय प्रमुख आरिफ अख्तर से उनका पक्ष जानने के लिए जब उन्हें फोन किया गया, तो उन्होंने रिसीव नहीं किया जिससे उनका पक्ष नहीं मिल पाया है.
हैवी मशीनों की देखरेख होती है
उत्खनन विभाग का काम हैवी मशीनों की देखरेख और मरम्मत कार्य आदि करना होता है. यह कोयला खनन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण विभाग है. इसलिए इसमें फंड की समस्या नहीं रहती और काम को युद्ध स्तर पर कराने की जवाबदेही अधिकारियों पर रहती है, लेकिन कुछ लोग इसका लाभ अपने हिसाब से करने में लग जा रहे हैं, जिससे पूरे विभाग का काम अव्यवस्थित हो गया है.विजिलेंस गाइडलाइंस की अनदेखी कर मौखिक काम बांटा जाता
अधिकारियों पर रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद का आरोप
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