झारखंड की रेल परियोजनाओं में केंद्र व राज्य का हिस्सा व खर्च आधा-आधा

झारखंड में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उन पर होनेवाले खर्च की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत होगी

By Prabhat Khabar | November 26, 2020 6:29 AM

झारखंड में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उन पर होनेवाले खर्च की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत होगी. वहीं, रेल नेटवर्क से अब तक नहीं जुड़े दूरस्थ इलाकों की पहचान कर वहां रेल नेटवर्क का विस्तार किया जायेगा. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उन पर होनेवाले खर्च को लेकर सुझाव देने के लिए कमेटी ने उक्त बातें अपनी रिपोर्ट में कही हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने कमेटी के सुझावों को मंजूरी देते हुए इसी के अनुरूप काम करने का निर्देश दिया है.

जेआरआइडीसीएल के गठन का सुझाव : उक्त कमेटी में योजना एवं वित्त विभाग के सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव, पथ निर्माण विभाग के सचिव और परिवहन विभाग के सचिव सदस्य भी शामिल हैं. कमेटी ने जो सुझाव दिये हैं, उसके तहत झारखंड आधारित अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार 50-50शेयरिंग खर्च के आधार पर निर्माण के लिए लिया जायेगा.

वहीं, महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर शुरू करने, राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान करने और योजनाओं व उनके विकास के लिए ‘झारखंड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (जेआरआइडीसीएल) का गठन करने का सुझाव भी कमेटी ने दिया है. इस ज्वाइंट वेंचर में राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के प्रतिनिधि होंगे.

कमेटी ने सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत उन जिला मुख्यालयों को रेल नेटवर्क से जोड़ने का सुझाव भी दिया है, जो अब तक रेलवे कनेक्टिवटी से दूर हैं.

परियोजनाओं का निर्माण ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर होगा

समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसी रेल परियोजनाएं, जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, उनके निर्माण में होनेवाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होनेवाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है, तो इसे रेलवे अथवा ज्वाइंट वेंचर के जरिये बनाया जायेगा.

ऐसी रेल परियोजनाएं जो वित्तीय रूप से लाभदायक नहीं हैं, लेकिन राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिविटी, कैपेसिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी हैं. ऐसी परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जायेगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि बाह्य स्रोतों अथवा लोन के जरिये जुटायी जायेगी.

posted by : sameer oraon

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