ranchi news : राजधानी रांची की छवि बिगाड़ रहे सरकारी और आइटीआइ बस स्टैंड

राजधानी में तीन प्रमुख बस स्टैंड हैं- कांटाटोली के समीप खादगढ़ा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन रोड का सरकारी बस स्टैंड और इटकी रोड स्थित आइटीआइ बस स्टैंड.

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2025 1:35 AM

रांची. राजधानी में तीन प्रमुख बस स्टैंड हैं- कांटाटोली के समीप खादगढ़ा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन रोड का सरकारी बस स्टैंड और इटकी रोड स्थित आइटीआइ बस स्टैंड. तीनों ही बस स्टैंड से झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए सैकड़ों बसें खुलती है. खादगढ़ा बस स्टैंड को छोड़ दें, तो शेष दोनों बस स्टैंड की हालत बेहद खस्ता है. बारिश के इस मौसम में सरकारी बस स्टैंड और आइटीआइ बस स्टैंड कीचड़ व गंदगी से बजबजा रहे हैं. यात्री कीचड़ से होते हुए बसों में सवार हो रहे हैं. दोनों ही बस स्टैंडों पर न तो यात्रियों के लिए उचित सुविधाएं मौजूद हैं, न ही साफ-सफाई का इंतजाम है. शौचालय के बारे में तो बात ही मत कीजिए. जबकि, इन दोनों ही जगहों से रोजाना हजारों यात्री गुजरते हैं. इन बस स्टैंडों की अव्यवस्था से न सिर्फ यात्री, बल्कि बसों के चालक व कर्मचारी और आसपास के दुकानदार भी परेशान हैं. वहीं, बाहर से आनेवाले यात्रियों के मन में झारखंड और राजधानी को लेकर किस तरह की छवि बन रही होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

सरकारी बस स्टैंड : पूरे परिसर में भरा है कीचड़, बदबू से जीना दूभर

सरकारी बस स्टैंड पर चारों तरफ गंदगी का अंबार है. बारिश के दौरान नालियों से निकली गंदगी और कीचड़ पूरे बस स्टैंड में पसरा हुआ है. कूड़ादानों का अता-पता नहीं है. ऊपर से यात्रियों और बस वालों द्वारा फैलायी गयी गंदगी से पूरे क्षेत्र से बदबू उठ रही है. बसों के रुकने और निकलने की कोई निश्चित व्यवस्था नहीं है, जिससे यात्रियों को बसों में चढ़ने और उतरने में परेशानी होती है. वहीं, यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं. शौचालय और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. बस स्टैंड पर सुबह और शाम के समय ज्यादा भीड़ रहती है. बस स्टैंड तक पहुंचनेवाली रांची रेलवे स्टेशन की सड़क भी जर्जर है. जगह-जगह जलजमाव है. शाम में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी यहां की बड़ी समस्या है. सरकारी बस स्टैंड पहुंचते ही यात्रियों को सबसे पहले सांस लेना मुश्किल हो जाता है. यात्री पहले अपनी नाक बंद कर लेते हैं. स्टैंड में घुस कर बस पर बैठने की जगह यात्री बस के मुख्य द्वार तक आने का इंतजार करते हैं. ताकि कीचड़ से बचकर बस पर चढ़ सकें.

आइटीआइ बस स्टैंड : बस स्टैंड की गंदगी से आसपास के लोग परेशान

आइटीआइ बस स्टैंड देखने में कहीं से भी बस स्टैंड जैसा नहीं नजर आता है. बरसात में यहां एक-डेढ़ फीट कीचड़ भर गया है. यात्री कीचड़ से होते हुए बसों में सवार हो रहे हैं. उनके जूते-चप्पल कीचड़ में सन जाते हैं. इससे बसों की फर्श भी गंदी हो जाती है. कई यात्री सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं. है. दूसरे राज्यों और जिलों से आनेवाले लोग इस बस स्टैंड की दशा देख व्यवस्था को कोसते हैं. यहां यात्रियों के लिए बना शौचालय की बदहाल है. साफ-सफाई नहीं है. वहीं, गंदगी के ढेर से होकर लोग शौचालय जाते हैं. गंदे शौचालय के कारण यात्री खुले में हल्का होते हैं. इतना ही नहीं स्टैंड परिसर में अक्सर लोग खुले में शौच करते हैं. आसपास के मुहल्लेवासी यहां से उठनेवाली दुर्गंध से परेशान हैं. यहां ट्रैफिक संभालने की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण रोजाना यहां दिन के 11:00 बजे से यहां लंबा जाम लग जाता है.

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