बिशप निर्मल मिंज ने 1971 में रांची में की थी गोस्सनर कॉलेज की स्थापना
Nirmal Minz : बिशप निर्मल मिंज एनडब्ल्यूजीइएल चर्च (नॉर्थ वेस्टर्न गोस्नर इवेंजेलिकल लूथरन चर्च) के प्रथम बिशप थे. निर्मल मिंज ने ही 1971 में गोस्सनर कॉलेज रांची की स्थापना की थी. 2017 में निर्मल मिंज को साहित्य अकादमी के भाषा सम्मान से नवाजा गया था. निर्मल मिंज का 5 मई 2021 को डिबडीह रांची स्थित आवास में निधन हो गया था.
Bishop Nirmal Minz Death Anniversary: बिशप निर्मल मिंज का जन्म 11 फरवरी 1927 को गुमला जिले के अन्नाटोली में हुआ था. वे एक भारतीय ईसाई धर्मशास्त्री थे. निर्मल मिंज एनडब्ल्यूजीइएल चर्च (नॉर्थ वेस्टर्न गोस्नर इवेंजेलिकल लूथरन चर्च) के प्रथम बिशप थे. वे 1980 से 1996 तक बिशप के रूप में कार्यरत रहे. निर्मल मिंज ने ही 1971 में गोस्सनर कॉलेज रांची की स्थापना की थी. उन्हें साहित्य के क्षेत्र में कई सम्मान मिले हैं. 2017 में निर्मल मिंज को साहित्य अकादमी के भाषा सम्मान से नवाजा गया था. वे जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा एवं साहित्य के संरक्षण और समृद्ध बनाने के लिए सदैव प्रयासरत रहते थे. निर्मल मिंज का 5 मई 2021 को डिबडीह रांची स्थित आवास में निधन हो गया था. कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण 94 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था.
बिशप निर्मल मिंज द्वारा किये गये बड़े बदलाव
गोस्सनर कॉलेज के प्राचार्य के रूप में उन्होंने इतिहास में पहली बार झारखंड के आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई कॉलेज में शुरू करवायी थी. इसके बाद उनके ही प्रयासों से रांची विश्वविद्यालय में भी क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू हुई. वे 1970 से 1976 तक स्टडी कमीशन ऑफ द लूथेरन वर्ल्ड फेडरेशन के सदस्य रहे थे. इस दौरान चर्च में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए उन्होंने कुड़ुख में गिरजा की धर्मविधि चलायी और कुड़ुख में गीत गाना शुरू कराया. इतना ही नहीं छोटानागपुर की मसीही कलीसिया में मांदर जैसे आदिवासी वाद्य यंत्र के प्रथम प्रयोग का श्रेय भी निर्मल मिंज को ही जाता है. 1980 के मध्य से उन्होंने झारखंड अलग प्रांत के लिए एक बौद्धिक मार्गदर्शक के रूप में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के साथ काम करना शुरू किया.
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निर्मल मिंज ने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से की पीएचडी
उनकी शिक्षा चैनपुर, गुमला, पटना यूनिवर्सिटी, सेरामपुर यूनिवर्सिटी और अमेरिका के लूथर सेमिनरी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा में हुई थी. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से पीएचडी किया था. जहां उन्होंने ‘महात्मा गांधी और हिंदू-ईसाई’ संवाद शीर्षक से डॉक्टरेट शोध प्रबंध प्रस्तुत करने के बाद 1968 में व्यवस्थित धर्मशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
निर्मल मिंज का परिवार
निर्मल मिंज के परिवार में उनकी पत्नी और चार बेटियां हैं. उनकी चारों बेटियां प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं. बड़ी बेटी सोना झरिया मिंज सिदो कान्हू मुर्मू विवि की वीसी हैं, वहीं दूसरी बेटी डॉ शांति दानी मिंज सीएमसी वेल्लोर में डॉक्टर हैं. तीसरी बेटी पादरी निझर मिंज हैं और चौथी बेटी अकय मिंज नेशनल हेल्थ मिशन की स्टेट प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर हैं.
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