पेड़ काटना पाप, पेड़ों की रक्षा करें

मामला रोड चाैड़ीकरण के नाम पर पेड़ कटाई का रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रोड चाैड़ीकरण के नाम पर पेड़ काटने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि पेड़ काटना पाप है. पेड़ों की रक्षा करना जरूरी है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2016 1:55 AM
मामला रोड चाैड़ीकरण के नाम पर पेड़ कटाई का
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रोड चाैड़ीकरण के नाम पर पेड़ काटने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि पेड़ काटना पाप है. पेड़ों की रक्षा करना जरूरी है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य के विकास में कोर्ट रूकावट पैदा नहीं करेगा. राज्य सरकार पेड़ों को बचाने में हमारी मदद करे.
जानबूझ कर पेड़ काटना अपराध है, लेकिन विकास को आगे बढ़ाने के लिए जरूरत पड़ने पर पेड़ काटा भी जा सकता है. वैसे पेड़ काटे जा सकते है, जिससे एनएच पर पैदल चलनेवाले यात्री को मुश्किल पैदा नहीं हो सके. राज्य सरकार के संबंधित अधिकारी एनएचएआइ के प्रबंधक के साथ बैठें आैर कोई नया मैकेनिज्म प्रस्तुत करें. खंडपीठ ने राज्य सरकार व एनएचएआइ को सड़क विस्तारीकरण की गाइडलाइन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
पेड़ काटने के मामले में कोर्ट के पूर्व के आदेश में संशोधन को लेकर राज्य सरकार के आग्रह पर सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया. पूर्व में कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दिया था. सरकार ने कई प्रोजेक्ट का काम बंद होने की जानकारी देते हुए कोर्ट से आदेश में संशोधन करने का आग्रह किया है.