कोई सुन रहा था फरियाद, कुछ थे थाने से बाहर

एसएसपी के आदेश के बाद कुछ थानों में जनता की समस्याओं के प्रति दिखी गंभीरता अजय दयाल, रांची :शहर व ग्रामीण इलाके की जनता या पीड़ित व्यक्ति को थानेदारों से मिलने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं. इसकी शिकायत लोगों ने एसएसपी प्रभात कुमार से की थी. एसएसपी ने 15 जनवरी को एक आदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2015 9:21 AM
एसएसपी के आदेश के बाद कुछ थानों में जनता की समस्याओं के प्रति दिखी गंभीरता
अजय दयाल,
रांची :शहर व ग्रामीण इलाके की जनता या पीड़ित व्यक्ति को थानेदारों से मिलने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं. इसकी शिकायत लोगों ने एसएसपी प्रभात कुमार से की थी. एसएसपी ने 15 जनवरी को एक आदेश निकाला था, जिसमें जनता से मिलने के लिए रोजाना दिन के 11 से एक बजे का समय तय किया गया. साथ ही थाने में आनेवाले पीड़ित व्यक्ति का नाम, पता व कारण लिखने के लिए एक रजिस्टर रखने का आदेश दिया गया.
रविवार को इसकी पड़ताल प्रभात खबर ने की. कई थाने में प्रभारी अपने कक्ष में बैठ कर जनता की शिकायत सुन रहे थे, जबकि कुछ थानों में थाना प्रभारी नहीं थे.
ये थानेदार थे मुस्तैद
लोअर बाजार
समय: दिन के 12.05 बजे: थाना प्रभारी अपने कक्ष में उपलब्ध थे. उस दौरान कुछ महिला व पुरुष भी थाना पहुंचे थे. इससे पहले एक व्यक्ति थानेदार के समक्ष अपनी समस्या को रख बाहर निकला था.
हिंदपीढ़ी
समय: दिन के 12.25 बजे: थाना प्रभारी अपने कक्ष से बाहर धूप में टेबल कुरसी लगा कर लोगों की समस्या सुन रहे थे. एक व्यक्ति की समस्या वे सुन चुके थे,जबकि दो व्यक्ति अपनी समस्या लेकर उनके सामने खड़े थे.
डेली मार्केट
समय: दिन के 12.30 बजे: थाना प्रभारी धर्मदेव पासवान धूप में कुरसी पर बैठे हुए हैं. यहां कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या लेकर उनके पास नहीं पहुंचा है. वह कहते हैं, लोगों की समस्याओं का समाधान करना हमारी प्राथमिकता है.
कोतवाली
समय: दिन के 12.36 बजे: इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी अरविंद सिन्हा अपने कक्ष में बैठ कर तीन लोगों की समस्या से अवगत हो रहे थे. बाहर कुछ छोटे-मोटे विवाद को लेकर दो महिलाएं थाना प्रभारी से मिलने की प्रतीक्षा कर रही थीं. उन्होंने कहा कि हमलोग दो बजे रात में भी जनता के लिए उपलब्ध हैं.
सुखदेव नगर
समय: दिन के 12.50 बजे: थानेदार मनोज कुमार अपने कक्ष में उपलब्ध हैं. एक व्यक्ति अपनी समस्या लेकर उनके पास पहुंचा था. एक सिपाही ने संवाददाता को रोका और रजिस्टर में नाम, पता व समस्या लिखने को कहा. एक दारोगा के पहचानने के बाद उन्होंने थाना प्रभारी के कक्ष में जाने को कहा.