स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने का भारी-भरकम लक्ष्य तय किया गया है. झारखंड में अब भी 50 फीसदी से अधिक आबादी गांवों में खुले शौच के लिए विवश हैं.
सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मार्च तक दो लाख शौचालय बनाने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी आबादी को शुद्ध और गुणवत्ता युक्त पीने का पानी मिले. यही सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग और पीएचइडी के बीच समन्वय स्थापित किया जायेगा. एक सवाल के जवाब में श्री चौधरी ने कहा कि पैसे की वजह से रांची, धनबाद और अन्य शहरों की जलापूर्ति योजनाएं लंबित हैं, क्योंकि शहरी जलापूर्ति के लिए पैसा नगर विकास विभाग से मिलता है. पीएचइडी योजना को क्रियान्वित करती है. उन्होंने कहा कि पूर्ण हो चुकी जलापूर्ति योजनाओं के रख-रखाव को लेकर भी जल्द ही नीतिगत फैसले लिये जायेंगे. क्योंकि, रख-रखाव का काम स्थानीय निकायों का है. उन्होंने कहा कि राज्य भर में जल संचयन की स्थिति ठीक नहीं है, बारिश का पानी बह जाता है अथवा गंदे स्त्रोतों से दूषित हो जाता है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए समय पर प्रभावितों को राशि उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रहेगी.