रांची : वन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का धरना-सत्याग्रह शुरू

रांची : 20-30 वर्षों से वन विभाग में कार्यरत दैनिककर्मियों की सेवा समायोजन की मांग को लेकर डोरंडा स्थित वन मुख्यालय के प्रवेश द्वार के समक्ष सोमवार को धरना-सत्याग्रह प्रारंभ हुआ. झारखंड दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के तत्वावधान में शुरू हुए अनिश्चितकालीन धरना-सत्याग्रह में काफी संख्या में दैनिककर्मी उपस्थित थे. मांगों की पूर्ति होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 9:09 AM
रांची : 20-30 वर्षों से वन विभाग में कार्यरत दैनिककर्मियों की सेवा समायोजन की मांग को लेकर डोरंडा स्थित वन मुख्यालय के प्रवेश द्वार के समक्ष सोमवार को धरना-सत्याग्रह प्रारंभ हुआ. झारखंड दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के तत्वावधान में शुरू हुए अनिश्चितकालीन धरना-सत्याग्रह में काफी संख्या में दैनिककर्मी उपस्थित थे. मांगों की पूर्ति होने तक सत्याग्रह पर डटे रहने की घोषणा की गयी.
कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे संघ के महामंत्री वीरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग के संकल्प तथा झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में वन विभाग में कार्यरत दैनिककर्मियों की सेवा का समायोजन किया जाये.
उन्होंने यह भी कहा कि लघु सिंचाई, जल संसाधन, पेयजल व स्वच्छता विभाग, पथ निर्माण विभाग सहित विभिन्न विभागों में दैनिककर्मियों की सेवा समायोजित की जा चुकी है. वन विभाग के उच्चाधिकारी न्यायालयों व सरकार के आदेशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं. इस कारण दैनिककर्मियों का भविष्य अंधकारमय बनाया जा रहा है.
श्रम विभाग की अधिसूचना के अनुसार 20 वर्षों से अधिक सेवा करनेवालों को निर्गत तिथि से 30 प्रतिशत भुगतान करने की मांग की गयी. कहा गया कि पीसीसीएफ बकाया मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करें. इस अवसर पर अध्यक्ष उमेश प्रसाद, रामबली दास, आलम अंसारी, जितेंद्र कुमार, कृष्णा पासवान आदि उपस्थित थे.