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झारखंड :एक फरवरी से लागू हो जायेगा ई-वे बिल

रांची : झारखंड चेंबर और वाणिज्यकर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चेंबर भवन में गुरुवार को ई-वे बिल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विभागीय आयुक्त केके खंडेलवाल ने कहा कि एक फरवरी से ई-वे बिल लागू हो जायेगा. व्यापारियों में ई-वे बिल को लेकर कुछ कंफ्यूजन हैं, इसलिए इसका आयोजन किया गया है. […]

रांची : झारखंड चेंबर और वाणिज्यकर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चेंबर भवन में गुरुवार को ई-वे बिल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विभागीय आयुक्त केके खंडेलवाल ने कहा कि एक फरवरी से ई-वे बिल लागू हो जायेगा.
व्यापारियों में ई-वे बिल को लेकर कुछ कंफ्यूजन हैं, इसलिए इसका आयोजन किया गया है. विभाग के स्टेट टैक्स अफसर ब्रजेश कुमार ने ई-वे बिल की व्यवस्था के तहत अगर कोई वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है, तो सप्लायर को ई-वे बिल जेनरेट करना होगा. इस व्यवस्था के तहत कोई भी रजिस्टर्ड व्यक्ति ई-वे बिल के बिना 50,000 से अधिक का सामान कहीं ले नहीं जा सकेगा.
ई-वे बिल बनाने की वेबसाइट जीएसटी पाेर्टल से अलग : स्टेट टैक्स अफसर ने बताया कि ई-वे बिल बनाने की वेबसाइट जीएसटी पोर्टल से अलग है. जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बावजूद ई-वे बिल की वेबसाइट पर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस ऑनर, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज हाउस मालिकों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. ई-वे बिल पर अपने सप्लायर, कस्टमर और प्रोडक्टस का मास्टर तैयार कर सकते हैं, यानी आपको हर बार इनकी डिटेल्स नहीं देनी होगी. आपके लॉग इन में सभी डिटेल सेव हो जायेगी, इससे हर बार कस्टमर, सप्लायर और प्रोडक्ट डिटेल भरने से बच जायेंगे.
अगर एक ई-वे बिल बनता है, तो एक फॉर्म भरना हेगा. कॉन्सिलिडेटेड ई-वे बिल बनाने के लिए अलग फॉर्म भरना होगा. राज्य के अंदर ही वस्तुओं को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा. जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा. ई-वे बिल रजिस्टर सप्लायर, बायर और ट्रांसपोटर्स जेनरेट करेगा. एक इन्वॉयस का एक ही ई-वे बिल बनेगा. ई-वे बिल एसएमएस के माध्यम से बनाया और कैंसिल कराया जा सकता है.
माल ढुलाई पर लागू होगा ई-वे बिल : श्री कुमार ने बताया कि ई-वे बिल माल ढुलाई पर लागू होगा. इसकी वैधता दूरी के हिसाब से तय होगी. यदि नन मोटराइज्ड व्हीकल से माल भेजेंगे, तब ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी. यदि माल जा रहा है, रास्ते में आपको पता चला कि कंसाइनमेंट इंट्री गलत हो गयी है, तब उसे आप 24 घंटे के अंदर यदि रास्ते में ऑफिसर ने वेरिफाइ नहीं किया है, तब ई-वे बिल कैंसिल भी कर सकते हैं. अगर 24 घंटे पार हो गया हे, तो तब रेसिपियेंट उसे 72 घंटे के अंदर रिजेक्ट कर सकता है.
मौके पर झारखंड चेंबर के अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया, उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल, सोनी मेहता, महासचिव कुणाल अजमानी, कार्यकारिणी सदस्य राम बांगड़, सदस्य पवन शर्मा, अरूण बुधिया, विनय अग्रवाल, परेश गट्टानी, अमित शर्मा, विकास विजयवर्गीय, संजय जैन, आदित्य शाह, दिलीप शाहदेव, महेंद्र सिंह, डॉ रवि भट्ट, किशन अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, ज्योति पोद्दार सहित कई व्यापारी उपस्थित थे.

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