Shibu Soren Shradh Karm Updates : श्राद्ध कर्म में भाग लेने नेमरा पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिशोम गुरु को दी श्रद्धांजलि

Shibu Soren Shradh Karm Updates : शिबू सोरेन के पैतृक गांव में उनके श्राद्ध के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गईं हैं. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए और दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की. श्राद्ध कर्म आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हो रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, बाबा राम देव श्राद्ध में हिस्सा लेने नेमरा पहुंचे.

By Amitabh Kumar | August 16, 2025 11:59 AM

Shibu Soren Shradh Karm Updates : झारखंड के पूर्व सीएम स्वर्गीय शिबू सोरेन के आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “वह अब हमारे बीच नहीं हैं. मैं अपनी ओर से, सरकार की ओर से और अपनी पार्टी की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी नेमरा पहुंचे और दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की.

नेमरा पहुंचे बाबा रामदेव, शिबू सोरेन को बताया युग पुरुष

झारखंड के रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म चल रहा है. यह शिबू सोरेन का पैतृक गांव है. श्राद्ध कर्म में भाग लेने योग गुरू बाबा रामदेव पहुंचे. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन एक युग पुरुष हैं. उनका सम्मान केवल झारखंड में नहीं, बल्कि पूरे देश में होता है. राजनीति में एक ही शख्स है जिसे सब गुरु जी बोलते हैं. वे हैं शिबू सोरेन. शिबू सोरेन का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ था.

नेमरा पहुंचे तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी, शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी ने नेमरा पहुंचकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम रेड्डी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन और परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की.

नेमरा में हाईटेक व्यवस्था

दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए आत देशभर से लोग नेमरा पहुंच रहे हैं. प्रभात खबर की टीम भी नेमरा पहुंच चुकी है. जैसा की हमारी टीम ने बताया, नेमरा में गेस्ट के लिए हाईटेक व्यवस्था की गई है. लोगों को जाम से परेशानी न हो इसके लिए खास व्यवस्था की गई है. नेमरा पहुंचने के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है. जहां बाहर से जा रहे लोगों को अपनी गाड़ी पार्क करनी होगी. उसके बाद ऑटो के सहारे नेमरा से दो किलोमीटर पहले तक जाना होगा. फिर वहां से टोटो के सहारे नेमरा जा पाएंगे. नेमरा जाने वाली सड़कों को चकाचक कर दिया गया है. मेडिकल टीम जगह-जगह बैठी हुई है. ताकी लोगों को मेडिकल की जरुरत हो तो उसकी सुविधा भी दी जाए. वीडियो में देख सकते हैं नेमरा की हाईटेक व्यवस्था.

भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘लोगों की संभावित भारी भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. लोगों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के प्रबंधन के लिए नेमरा में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 10 अधिकारी, 60 पुलिस उपाधीक्षक, 65 निरीक्षक और 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. पुलिस, प्रशासनिक कर्मचारियों और स्वयंसेवकों वाली बहु-एजेंसी टीम प्रभावी भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन परिस्थिति और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे कार्यरत रहेंगी.’’

श्राद्ध कर्म के लिए आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार व्यवस्थाएं

श्राद्ध कर्म के लिए आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पांच अगस्त से ही गांव में हैं. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को परिवहन, स्वच्छता, भोजन वितरण, स्वास्थ्य सेवा, आवास और जन सुरक्षा जैसी सेवाओं के लिए निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. अधिकारी ने कहा, ‘‘सुविधाजनक आवाजाही के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा निर्धारित पार्किंग क्षेत्रों और कार्यक्रम स्थल के बीच चलाए जाएंगे. तीन बड़े पार्किंग क्षेत्र विकसित किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक में जैव शौचालय बनाए गए हैं. इसके अलावा, आगंतुकों की सुविधा के लिए विश्राम स्थल और विशेष पैदल मार्ग भी बनाए गए हैं.’’

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तीन बड़े भोजन पंडालों में खानपान की व्यवस्था

तीन बड़े भोजन पंडालों में खानपान की व्यवस्था की गई है, जहां पारंपरिक श्राद्ध भोजन और प्रसाद परोसा जाएगा. गुरुजी के नाम से प्रख्यात रहे शिबू सोरेन के जीवन और योगदान की स्मृति में एक विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी स्थापित की जा रही है. इस प्रदर्शनी में दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज और उनके राजनीतिक जीवन के प्रमुख पड़ाव प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें आदिवासी कल्याण और जनसेवा में उनके योगदान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. श्राद्ध कर्म में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.