फिर भावुक हुई नेमरा की माटी, शिबू सोरेन के संस्कार भोज में राजनाथ सिंह, बाबा रामदेव समेत उमड़ी लाखों लोगों की भीड़

Shibu Soren News: शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा की मिट्टी एक बार फिर शनिवार 16 अगस्त 2025 को भावुक हुई, जब राज्य के कोनो-कोने से और देश के कई राज्यों से लोग दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि देने के लिए रामगढ़ जिले के इस छोटे से गांव में पहुंचे. शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिशोम गुरु के श्राद्ध भोज में शामिल लोगों का आभार व्यक्त किया.

By Mithilesh Jha | August 16, 2025 9:08 PM

Shibu Soren News: झारखंड की राजधानी रांची से करीब 70 किलोमीटर दूर रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के नेमरा की माटी आज फिर भावुक हो उठी. लाखों आगंतुकों ने अपने महानायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन को नमन किया. सभी ने गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उनके अद्वितीय योगदान को याद किया.

हेमंत सोरेन ने सभी का आभार जताया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल होने के लिए राज्य के कोने-कोने से आये लोगों का आभार जताया. कहा कि बाबा जब नयी दिल्ली के अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन कठिन परिस्थितियों में राज्यवासियों का हमारे परिवार को संबल प्राप्त हुआ, उसे कभी भूल नहीं सकता. लोगों ने बाबा की जिंदगी के लिए दुआएं की, लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था.

‘राज्य की जनता ने हमें और हमारे परिवार को संबल दिया’

हेमंत सोरेन ने कहा कि आज दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी अंत्येष्टि से संस्कार भोज तक में लाखों लोगों का शामिल होना, पूरे श्राद्ध कर्म के दौरान नेमरा आकर उनका हमारे साथ खड़े रहने की वजह से हमें और हमारे घर-परिवार को दुःख की इस घड़ी में काफी आत्मबल मिला. राज्य की जनता जिस तरह हमारे साथ हर पल मौजूद रही, वह यह बताने के लिए काफी है कि उनका ‘बाबा’ से कितना गहरा लगाव था. ‘बाबा’ भले ही हमें हमेशा-हमेशा के लिए छोड़ गये, लेकिन, इस राज्य के मार्गदर्शक एवं पथ प्रदर्शक के रूप में वे सदैव याद रखे जायेंगे.

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विशिष्ट मेहमानों के साथ लाखों आमजन हुए शामिल

दिशोम गुरु के संस्कार भोज में अनेक अति विशिष्ट एवं विशिष्ट मेहमानों के साथ लाखों आमजन शामिल हुए. इनमें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित कई मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, पूर्व मंत्री, सांसद एवं पूर्व विधायकगण, पदाधिकारीगण तथा प्रबुद्धजन शामिल थे.

गुरुजी का निधन झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति

सभी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने ‘गुरुजी’ के साथ अपने संबंधों, बिताये गये पलों तथा अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ झारखंड हित की बातें करते थे. उनका इस तरह दुनिया को अलविदा कहना इस राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है.

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Shibu Soren News: संघर्ष और त्याग की मिसाल थे बाबा

संस्कार भोज में सम्मिलित लोग ‘दिशोम गुरु’ की जिंदगी और व्यक्तित्व की ही बातें करते दिखे. उनका कहना था कि उनका जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने संघर्ष को ही अपना हथियार बनाया. ‘बाबा’ का पूरा जीवन इस राज्य की खातिर समर्पित रहा. वे एक तरफ त्याग और संघर्ष की मिसाल थे, तो दूसरी तरफ आदिवासी चेतना के वाहक. शोषण एवं अत्याचार के खिलाफ उलगुलान उनकी पहचान बनी, तो झारखंड आंदोलन के अग्रदूत भी थे.

बाबा की आंदोलन की वजह से ही बना झारखंड

उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य बना, तो यह उनके ही आंदोलन की देन है. वे एक कुशल नेतृत्वकर्ता तथा संगठनकर्ता थे. उन्हें हम न हम कभी भूले थे, न भूले हैं और न ही भूलेंगे. वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे. उनके आदर्शों को हम अपने जीवन में आत्मसात करें. उनके दिखाये मार्ग पर चलें, यही उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी.

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मुकम्मल व्यवस्था, लोगों को कोई असुविधा नहीं

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्कार भोज में मुकम्मल प्रशासनिक व्यवस्था देखने रही. यहां योजनाबद्ध तरीके से सारी व्यवस्था की गयी, जिस वजह से आगंतुकों को असुविधा नहीं हुई. सुरक्षा के साथ भीड़ नियंत्रण की पुख्ता व्यवस्था थी. लोगों को जानकारी देने के लिए माइक से लगातार अनाउंसमेंट हो रहे थे. वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था थी.

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