लोहरदगा का खरचा गांव का रामलीला मैदान कीचड़ में तब्दील, खिलाड़ियों सहित आम लोगों को हो रही परेशानी

मैदान में कीचड़ होने के कारण लोग मैदान में खेल कूद नहीं पाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मैदान देख कर मानो ऐसा लगता है की यह राम लीला मैदान नहीं है. मैदान ट्रक खड़ा करने का गैराज है. मैदान में कीचड़ हो जाने के कारण ट्रक ड्राइवर को भी परेशानी होती है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह मैदान को रामलीला मैदान के रूप में विकसित करने की बात पिछले कई वर्षों से हो रही है. जब सरकार द्वारा मैदान के चारों ओर बाउंड्री बनाकर खेल मैदान व रामलीला मैदान बनाने की बात चल रही थी, तो हिंडालको ने इसको रोक दिया.

By Prabhat Khabar | June 24, 2021 1:18 PM

लोहरदगा : देवदारिया पंचायत के खरचा गांव स्थित राम लीला मैदान पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गयी है. जिससे आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैदान में लोगों को कीचड़ के कारण चलना फिरना दूभर हो गया है. मैदान को ट्रक का गैराज में तब्दील कर दिया गया है. पाखर से रिचुघुटा चलने वाले ट्रकों को मैदान में खड़ा कर दिया जाता है. जिससे मैदान के चारों ओर ट्रक भरे पड़े रहते हैं. वहीं ट्रकों के चलने से मैदान कीचड़ में सना रहता है. क्षेत्र के लोगों के लिए एकमात्र मैदान है, जोकि रामलीला मैदान के रूप में बनने के लिए विकास की बाट जोह रहा है.

मैदान में कीचड़ होने के कारण लोग मैदान में खेल कूद नहीं पाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मैदान देख कर मानो ऐसा लगता है की यह राम लीला मैदान नहीं है. मैदान ट्रक खड़ा करने का गैराज है. मैदान में कीचड़ हो जाने के कारण ट्रक ड्राइवर को भी परेशानी होती है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह मैदान को रामलीला मैदान के रूप में विकसित करने की बात पिछले कई वर्षों से हो रही है. जब सरकार द्वारा मैदान के चारों ओर बाउंड्री बनाकर खेल मैदान व रामलीला मैदान बनाने की बात चल रही थी, तो हिंडालको ने इसको रोक दिया.

उस वक्त हिंडालको का कहना था की मैदान हिंडालको का है. इसलिए हिंडाल्को मैदान बनायेगा.लेकिन आज लगभग दो वर्ष गुजर जाने के बावजूद आज तक मैदान को नहीं बनाया गया और आज मैदान पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गयी है. मामले पर देवदरिया पंचायत मुखिया सुमित्रा लकड़ा का कहना है कि मैदान को बाउंड्री निर्माण, शौचालय निर्माण एवं खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम निर्माण के लिए ग्रामसभा कर योजना ली गयी थी. परंतु हिंडाल्को द्वारा विरोध करने के कारण योजना शुरू नहीं हुई.

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