लोहरदगा में बॉक्साइट ट्रकों की चपेट में आकर असमय जान गंवा रहे हैं लोग, हर महीने हो रही है चार की मौत

लोहरदगा जिला में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से लोग परेशान है. लोहरदगा जिला की स्थापना 17 मई 1983 को हुई थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है यहां अबतक एक बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है.

By Prabhat Khabar | October 28, 2021 1:45 PM

लोहरदगा : लोहरदगा जिला में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से लोग परेशान है. लोहरदगा जिला की स्थापना 17 मई 1983 को हुई थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है यहां अबतक एक बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. नतीजा तमाम छोटी बड़ी गाड़ियां शहर से होकर ही गुजरती है. बॉक्साइट ट्रकों की संख्या लोहरदगा जिला में लगभग 2000 है और इन ट्रकों का परिचालन भी लोहरदगा शहरी क्षेत्र से ही होता है.

नतीजा आये दिन लोग बॉक्साइट ट्रकों की चपेट में आकर अपनी जान गंवाते हैं. बीती रात सेन्हा प्रखंड क्षेत्र में एक स्कूटी पर सवार तीन लोगों को एक तेज रफ्तार बॉक्साइट ट्रक ने कुचल दिया, जिससे मौके पर ही तीनों की मौत हो गयी. लोहरदगा जिले में बॉक्साइट ट्रक की चपेट में लगातार लोग आ रहे है और अपनी जान गंवा रहे हैं.

लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है कि कैसे बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके. लोहरदगा जिला में चलने वाले अधिकांश बॉक्साइट ट्रक ड्राइवर अनुभवहीन है. अधिकांश ट्रक चलाने वाले खलासी से ड्राइवर बने हैं. अनुभवहीन लोगों के हाथ में ट्रक की स्टेयरिंग मिल जाने से दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. यदि ईमानदारी से जांच की जाये, तो अधिकांश बॉक्साइट ट्रक ड्राइवर अयोग्य साबित होंगे.

बॉक्साइट ट्रकों की तेज रफ्तार लोगों के लिए काल बनती जा रही है. बॉक्साइट ढोने वाले अधिकांश ट्रक पुरानी है और इन्हें चलाने वाले भी एक्सपर्ट नहीं है. ऐसी स्थिति में आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है. ओवरलोड बॉक्साइट की ढुलाई अधिकांश ट्रक करते हैं. इसके अलावा जंगल से अवैध बॉक्साइट खनन कर बहुत सारे ट्रक लाते हैं और पकड़े जाने के भय से उनकी गति काफी तेज होती है. दो नंबर का बॉक्साइट का धंधा एक बार फिर जोरों से हो रहा है. वन क्षेत्र से अवैध बॉक्साइट का खनन किया जा रहा है. लेकिन सबकुछ सेटिंग के तहत हो रहा है. इसलिए कोई भी बॉक्साइट ट्रक जो अवैध बॉक्साइट लेकर आता है, वह पकड़ा नहीं जाता है.

लोहरदगा जिला में माह जनवरी 2020-21 से सितंबर 2020-21 तक 59 सड़क दुर्घटनाएं हुई है. इनमें 39 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए है. इनमें जनवरी महीने में नौ सड़क दुर्घटना हुई जिसमें तीन लोगों की मौत हुई और 11 लोग गंभीर रूप से घायल हुए है. फरवरी महीने में सात सड़क दुर्घटना हुई, इसमें चार लोगों की मृत्यु हुई. तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए.

मार्च महीने में छह सड़क दुर्घटना हुई, इसमें चार लोगों की मौत हुई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए. मई महीने में चार सड़क दुर्घटना हुई, इसमें चार लोगों की मौत हुई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए. जून महीना में छह सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें छह लोगों की मौत हुई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए. जुलाई महीने में छह सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए.

अगस्त महीने में आठ सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. दो लोग हल्के रूप से घायल हुए. सितंबर महीने में चार सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ. स्पष्ट है कि लोहरदगा जिला में कोई ऐसा महीना नहीं गुजरा, जिस महीने में सड़क दुर्घटना नहीं हुई. और सड़क दुर्घटना में किसी की मौत ना हुई हो.

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