केंद्र सरकार की वीबी जी राम जी योजना मजदूरों के हित के खिलाफ है

जामताड़ा. केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा खत्म कर नये वीबी जी राम जी योजना लागू करने के खिलाफ जिले की विभिन्न वामपंथी पार्टियों ने सुभाष चौक पर नुक्कड़ सभा किया.

By JIYARAM MURMU | December 22, 2025 6:31 PM

वामपंथी पार्टियों ने जामताड़ा में किया नुक्कड़ सभा का आयोजन, कहा प्रतिनिधि, जामताड़ा. केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा खत्म कर नये वीबी जी राम जी योजना लागू करने के खिलाफ जिले की विभिन्न वामपंथी पार्टियों ने सुभाष चौक पर नुक्कड़ सभा किया. सभा की अध्यक्षता सीपीएम के जिला सचिव सुजीत कुमार माजी ने की. सभा में एसयूसीआइ(सी) के सुशांत राय, हरिपद महतो सीपीआइ माले के देबू चौधरी, सीपीआइएम के गौर शरेण, लखन लाल मंडल, चंडीदास पुरी ने भाग लिया. चंडीदास पुरी ने कहा कि ग्रामीण मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने के लिए उस समय वामपंथी सांसदों के समर्थन से कई कानून बनाया गया था. सूचना का अधिकार कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा कानून के बदौलत आज गरीबों को मुफ्त अनाज मिल रहा है. ग्रामीण मजदूरों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून संक्षेप में मनरेगा लाया गया था. इसका उद्देश्य था ग्रामीण मजदूरों को खेती के काम के समय जो काम मिलता था, उसके बाद जो मजदूर बेरोजगार रह जाते थे, उन्हें रोजगार की गारंटी के लिए साल में 100 दिन का काम का अधिकार प्राप्त था. इसके लिए केंद्र सरकार 90 प्रतिशत एवं राज्य सरकार 10 प्रतिशत की राशि आवंटित करती थी. एनडीए सरकार आने के बाद धीरे-धीरे मनरेगा को कमजोर किए जाने लगा एवं आवंटन की राशि काम की जाने लगी. आज स्थिति यह हो गयी कि मोदी सरकार मनरेगा कानून को खत्म कर नयी योजना लायी है, जिसके तहत रोजगार की जो ग्रामीण मजदूरों की गारंटी थी वह खत्म हो जायेगी. सुशांत राय ने कहा कि मोदी सरकार तानाशाही की सरकार है, जब से मोदी की सरकार गद्दी पर आई है. इनका लक्ष्य कॉर्पोरेट हित को बढ़ावा देने का है. देबू चौधरी ने भी मोदी सरकार की आलोचना की. कहा यह सरकार मजदूर विरोधी सरकार है. सीपीएम के लखन लाल मंडल ने कहा कि मोदी सरकार पहले किसानों के हित के नाम पर जो कानून लाया था वह वास्तव में कॉरपोरेटों के हित के लिए था, जिसका विरोध किसान संगठनों ने किया था. 13 महीने तक आंदोलन करके सरकार को उस कानून को वापस लेने के लिए बाध्य किया था. वीबी जी राम जी लाया गया है यह धोखा है. मौके पर गौर सोरेन, मोहन मंडल, सचिन राणा, लोकनाथ राणा, दुबराज भंडारी, निमाई राय, अनूप सरखेल, बुद्धू मरांडी आदि थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है