ग्रंथ मानव जीवन को धर्म, सत्य, भक्ति की ओर प्रेरित करता है : तान्या शरण
विद्यासागर. करमाटांड़ के मंडलपाड़ा में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के समीप मंगलवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ.
– करमाटांड़ के मंडलपाड़ा में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ प्रतिनिधि, विद्यासागर. करमाटांड़ के मंडलपाड़ा में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के समीप मंगलवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ. प्रथम दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी. कथास्थल पर भक्ति के रंग में रंगा माहौल देखने को मिला. सैकड़ों भक्त कथामृत का श्रवण करने के लिए पहुंचे. कथावाचिका तान्या शरण ने कथा की शुरुआत मंगलाचरण श्रीमद्भागवत भगवान की आरती से की. श्रीमद्भागवत महापुराण के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह ग्रंथ मानव जीवन को धर्म, सत्य, भक्ति और सदाचार की ओर प्रेरित करता है. प्रथम दिन की कथा में तान्या शरण ने भक्ति मार्ग, श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं व भागवत कथा के प्रारंभिक प्रसंगों को सरल और भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया. उनकी वाणी से मोहक भक्तिरस की धारा बहती रही, जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये. कथा स्थल को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. आयोजन समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल, सफाई एवं प्रसाद वितरण की विशेष व्यवस्था की गयी थी. पंडाल में लगातार गूंजते भजन और “हरे कृष्ण, हरे राम” के जयकारों ने वातावरण को पूर्णतः आध्यात्मिक बना दिया. कथा समाप्ति के बाद सभी श्रद्धालुओं के बीच लड्डू का प्रसाद वितरण किया गया. प्रसाद ग्रहण करते हुए कई भक्तों ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. लोगों में एकजुटता व भक्ति की भावना बढ़ती है. बताया कि आने वाले दिनों में कथा के मुख्य प्रसंगों श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, गोवर्धन पूजा और रासलीला का विशेष वर्णन होगा. समापन दिवस पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जायेगा.
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