Delhi Station Stampede: दिल्ली भगदड़ से सबक, कोरस कमांडो ने झारखंड के इस स्टेशन पर संभाला मोर्चा

Delhi Station Stampede: दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना से रेलवे ने सबक लिया है. स्टेशनों की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. टाटानगर स्टेशन कोरस कमांडो के हवाले है. डीआरएम चक्रधरपुर वार रूम से 13 स्टेशनों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

By Guru Swarup Mishra | February 17, 2025 5:05 AM

Delhi Station Stampede: जमशेदपुर-दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात हुई भगदड़ की घटना के बाद रेलवे ने सबक लेते हुए देश भर के सभी स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. टाटानगर रेलवे स्टेशन पर कोरस कमांडो (रेलवे सुरक्षा के लिए कमांडो) ने रविवार को मोर्चा संभाल लिया. इसके अलावा सारा रेल का सरकारी अमला रविवार होने के बाद भी प्लेटफार्म पर दिखायी दे रहा था. चक्रधरपुर के अधीन आनेवाले टाटानगर समेत सभी 13 स्टेशनों के सीसीटीवी की वार रूम में बैठकर डीआरएम तरुण हुरिया मॉनिटरिंग कर रहे थे. टाटानगर स्टेशन प्रबंधन ने फुटओवर ब्रिज को बंद कर दिया था. सभी यात्रियों को एंट्री मेन गेट से ही कराई जा रही थी. प्लेटफार्म पर उन्हें ही अंदर आने दिया जा रहा था, जिनके बाद वैध टिकट था और उनकी ट्रेन का आने का समय हो चुका था. जिनकी ट्रेन को आने में अभी देर थी, उन्हें स्टेशन के प्लेटफार्म में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. लगातार अनाउंसमेंट के माध्यम से यात्रियों को सूचनाएं दी की जा रही थीं. टाटानगर स्टेशन के मेन गेट के बाहर लंबी-लंबी कतार के माध्यम से यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा था.

जम्मू-तवी एक्सप्रेस और नीलांचल एक्सप्रेस के समय सुरक्षा कड़ी


दिल्ली स्टेशन की घटना के बाद टाटानगर स्टेशन पर सुरक्षा के चाक-चौंबद देखने को मिले. टाटानगर से प्रयागराज-कानपुर के रास्ते दिल्ली जानेवाली जम्मू-तवी व नीलांचल एक्सप्रेस के समय स्टेशन के प्लेटफार्म पर सिर्फ वैसे ही यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा था, जिनके पास टिकट था. चक्रधरपुर के रेल मंडल प्रबंधक तरुण हुरिया के निर्देश रेलवे के सभी अधिकारी प्लेटफार्म पर तैनात कर दिये गये थे. रेल डीआरएम खुद सभी स्टेशनों पर लगे कैमरों से निगरानी व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे.

कोरस कमांडो, आरपीएफ, जीआरपी ने संभाला मोर्चा


दिल्ली स्टेशन की घटना बाद यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टाटानगर स्टेशन पर कोरस कमांडो के अलावा आरपीएफ, जीआरपी के ऑफिसर व रेलवे कॉमर्शियल स्टॉफ की तैनाती रेलवे के वरीय अधिकारियों के निर्देश पर की गयी. टाटानगर स्टेशन पर कोरस कमांडो के 15 जवान, आरपीएफ के 30 जवान व जीआरपी के 10 जवान, 25 ट्रेन टिकट परीक्षक व डेढ़ दर्जन से कॉमर्शियल स्टॉफ को पोर्टिको से लेकर प्लेटफार्म की बोगियों तक तैनात किया गया था. मेन गेट पर पांच टीटीई प्रवेश पानेवाले यात्रियों के टिकट जांच करने के बाद उन्हें अंदर आने दे रहे थे.

स्टेशन का एफओबी बंद, मेन गेट से ही इंट्री


टाटानगर आरपीएफ प्रभारी राकेश मोहन, टाटानगर जीआरपी प्रभारी राम प्यारे राम दुलारे, रेलवे के कॉमर्शियल विभाग के एसके झा, डिप्टी कॉमर्शियल ऑफिसर सुनील कुमार सिंह, डिप्टी कॉमर्शियल चंदन कुमार सिंह, डिप्टी कॉमर्शियल से पिंकी महतो, सीटीआइ एसएन शिवा, सीएचआइ महाराज महतो को विशेष निगरानी के लिए तैनात किया गया था. आरक्षण केंद्र के पास (जीआरपी थाना) वाले फुटओवर ब्रिज को बंद कर दिये जाने के कारण मेन गेट से ही लंबी कतार के माध्यम से यात्रियों को प्रवेश कराया जा रहा था.

आखिर कोरस है क्या, कैसे ये रेलवे में यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे?


यह रेलवे सुरक्षा बल के लिए अलग से एक कमांडो यूनिट है. इसका निर्माण रेलवे सुरक्षा बल तथा रेलवे सुरक्षा विशेष बल में से किया गया है. कोरस का गठन रेलवे क्षेत्र के आस-पास किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना और रेलवे की संपत्ति को नुकसान न पहुंचने के लिए किया गया है. यह बल भारतीय रेलवे तथा यात्रियों को पुख्ता सुरक्षा प्रदान करेगा यानी भारतीय रेल को नक्सली और आतंकी हमले जैसी स्थिति से निपटने में मदद करेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें ट्रेंड किया गया है. कोरस कमांडो की टीम पूरी तरह से आधुनिक हथियारों से लैस दिखी. आरपीएफ की आर्म्ड बटालियन आरपीएसएफ यानी रेलवे प्रोटेक्शन सिक्योरिटी फोर्सेस से कोरस कमांडो पूरी तरह से अलग है.

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