आदित्यपुर: झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा राज्य के पॉलीटेक्निक संस्थानों में नामांकन हेतु 3 मई 2014 को आयोजित परीक्षा में टॉपर (रौल नं-4118010824, सीएमएल रैंक वन) रहा छात्र शंभू कुमार फरजी निकला. उसके जाली होने का पता तब चला जब वह राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान आदित्यपुर में नामांकन लेने आया.
4 जुलाई को यहां पहुंचे शंभू कुमार पर नामांकन समिति को जब शक हुआ तो संस्थान के प्रभारी प्राचार्य एसके महतो ने उससे गहन पूछताछ की और उसे अपने विश्वास में लेते हुए लिखवा लिया कि परीक्षा उसकी जगह उसके भाई ने दी थी. दूसरे दिन यानी शनिवार को उसे नामांकन का प्रलोभन देते हुए पुन: बुलाया गया था. उससे प्राचार्य कक्ष में पूछताछ करते हुए आदित्यपुर थाना पुलिस को सूचित किया गया. करीब एक घंटा तक पुलिस नहीं पहुंची तो शंभू कुमार मौका देख अपने जूतों को हाथ में ले वहां से नौ दो ग्यारह हो गया. प्राचार्य, शिक्षक व कर्मचारी पकड़ो-पकड़ो चिल्लाते रह गये.
मानगो का है रहनेवाला
इंद्रदेव प्रसाद का पुत्र शंभू कुमार का स्थानीय पता पोस्ट ऑफिस रोड मानगो है. जबकि वह मूल रूप से ग्राम गोमहा, थाना ओंगारी जिला नालंदा (बिहार) का रहने वाला है.
कैसे पकड़ में आया
वैसे तो शंभू ने पॉलिटेक्निक में दाखिला पाने की रणनीति बहुत ही होशियारी से बनायी थी लेकिन एक चूक ने उसकी पोल खोल दी. आदित्यपुर स्थित पॉलिटेक्निक संस्थान में एडमिशन लेने पहुंचे शंभू उस समय कमजोर पड़ गया जब प्राचार्य और शिक्षकों ने उससे सख्ती से पूछताछ की.