हजारीबाग CHC में मचा बवाल, चिकित्सा प्रभारी के साथ हुई धक्का मुक्की, रक्तदान विवाद बनी बड़ी वजह
Hazaribagh Dispute: बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रक्तदान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. स्वास्थ्य कर्मी अरुण पांडेय के परिजनों ने चिकित्सा प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार पर जबरन रक्तदान करवाने और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है.
Hazaribagh Dispute, हजारीबाग, (संजय सागर, बड़कागांव): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कागांव में बुधवार को रक्तदान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. स्वास्थ्य कर्मी अरुण पांडेय के परिजन अस्पताल परिसर में हंगामा करते हुए चिकित्सा प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार पर जबरन रक्तदान करवाने और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते देखे गये, इस दौरान चिकित्सा प्रभारी के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी का वीडियो भी वायरल हो गया. वहीं अस्पताल में मौजूद कई कर्मी और होमगार्ड मूकदर्शक बनकर देखते रहे.
12 से 28 नवंबर तक राज्यव्यापी रक्तदान शिविर
गौरतलब है कि झारखंड सरकार द्वारा 12 नवंबर से 28 नवंबर तक राज्यव्यापी रक्तदान शिविर आयोजित किया जा रहा है. इसी के तहत मंगलवार को बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. अविनाश कुमार के नेतृत्व में रक्तदान शिविर लगाया गया था.
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बीपी पीड़ित मरीजों को जबरन रक्तदान करने का आरोप
बुधवार की सुबह शिबाडीह निवासी वरुण पांडेय के पुत्र अंकित कुमार और अन्य परिजन अस्पताल पहुंकर आरोप लगाया कि स्वास्थ्य प्रभारी बीपी की बीमारी से पीड़ित उनके पिता से जबरन रक्तदान करने का दबाव बना रहे हैं. इसे लेकर परिजन अस्पताल में जोर-जोर से चिल्लाते हुए हंगामा करने लगे.
घटना के वक्त चिकि़त्सा प्रभारी अस्पताल में नहीं थे मौजूद
सूत्रों के मुताबिक घटना के समय चिकित्सा प्रभारी अस्पताल में नहीं थे, बल्कि पास के एक निजी क्लिनिक में मरीज देख रहे थे. इसकी जानकारी मिलते ही परिजन वहां भी पहुंच गये और हंगामा करने लगे. स्थिति बिगड़ता देख डॉ. अविनाश ने परिजनों से कहा कि वे स्वास्थ्य केंद्र चलकर बात करें. लेकिन रास्ते में ही विवाद और तेज हो गया. बाद में केंद्र परिसर में भी परिजनों ने शोर-शराबा जारी रखा. काफी समझाने-बुझाने के बाद परिजन वापस घर लौटे.
चिकित्सा प्रभारी ने कर्मचारियों पर बनाया रक्तदान का दबाव
कुछ अस्पताल कर्मियों ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि चिकित्सा प्रभारी ने वास्तव में कर्मचारियों पर रक्तदान का दबाव बनाया था. उनका व्यवहार भी अरुण पांडेय के साथ ठीक नहीं था. कर्मचारियों का कहना है कि वर्षों से रक्तदान शिविर लगते हैं, लेकिन इस तरह का दबाव पहले कभी नहीं देखा गया.
चिकित्सा प्रभारी ने आरोपों को खारिज किया
चिकित्सा प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अरुण पांडेय पहले से बीमार थे, इसलिए उनसे रक्तदान लिया ही नहीं गया. “हमारा काम लोगों को मोटिवेट करना है, जबरदस्ती करना नहीं.,” उन्होंने दावा किया कि परिजन बिना कारण उनके क्लिनिक और बाद में अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे, जो गलत है. साथ ही उन्होंने होमगार्ड मो. अतुल पर भी ड्यूटी नहीं निभाने का आरोप लगाया. घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनातनी का माहौल बना रहा. मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गयी है और जांच की मांग उठने लगी है.
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