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Jharkhand Naxal News : गिरफ्तार माआवोदी अनिल ने पुलिस के सामने खोले कई राज, बताया कैसे इस्तेमाल करते हैं लेवी वसूले गये रूपयों का

Jharkhand Naxal News, Naxal Latest News: गिरफ्तार माआवोदी अनिल ने पुलिस के सामने खोले कई राज.

Jharkhand Naxal News, Naxal Latest News, गुमला न्यूज़: पुलिस की चंगुल में फंसे भाकपा माओवादी नक्सली अनिल खेरवार ने कई राज खोले है. एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल व इंस्पेक्टर श्याम मंडल ने नक्सली अनिल ने स्वीकार किया कि वह सात वर्षो से भाकपा माओवादियों के साथ काम रहा है. वह रवींद्र गंझू, बुद्धेश्वर उरांव, रंथू उरांव, लाजिम अंसारी, मुनेश्वर गंझू उर्फ मुन्ना खेरवार, शीतल मोची के लिए कार्य करता है.

Jharkhand Naxal News Update: नक्सली कमांडरों के लेवी के रुपये वसूल कर व बम बनाने का सामान लेकर भाकपा माओवादियों को पहुंचाता है, साथ ही पुलिस गतिविधि पर भी नजर रखता है और नक्सलियों तक जानकारी पहुंचाने का काम करता है. एसडीपीओ ने बताया कि बरामद रुपये के बारे में पूछने पर अनिल खेरवार ने बताया कि बोरांग से कटिया टेमरकरचा तक रोड निर्माण का कार्य एक करोड़, 80 लाख रुपये की लागत से हो रहा है.

इसका काम शुरू करने के एवज में ठेकेदार को नक्सली कमांडर रवींद्र गंझू ने जान मारने की धमकी देकर 10 प्रतिशत लेवी देकर काम शुरू करने की बात कही थी. इसके एवज में ठेकेदार द्वारा 75 हजार रुपये दिये गये थे. इस लेवी के रुपये से 10 हजार रुपये अपनी बेटी के स्कूल घाघरा में फीस के रूप में जमा की है और 65 हजार रुपये बचा है. पूर्व में भी ठेकेदार द्वारा 50 हजार रुपये व बम विस्फोटक का सामान भाकपा माओवादियों को पहुंचाया गया है.

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पुराने नुस्खे अपना रहे माओवादी

एसडीपीओ व इंस्पेक्टर ने बताया कि आगामी पंचायत चुनाव में पुलिस पार्टी को क्षति पहुंचाने व आम जनता में दहशत और अपनी स्थापना को लेकर रणनीति तैयार कर ली है. माओवादी अब पुराने नुस्खे को अपना रहे हैं.

वे केन बम को छोड़ कर पुन: प्रेशर बम का प्रयोग कर रहे हैं. इसकी तैयारी नक्सलियों ने की है. माओवादी जान गये हैं कि पुलिस अब और मजबूत हो गयी है. उनके पास तरह-तरह के उपकरण हैं. इसलिए नक्सली प्रेशर बम पगडंडी में लगाने की योजना बना रखी हैं. नक्सलियों ने कुछ जगहों पर प्रेशर बम लगाया है, जिसकी छानबीन पुलिस कर रही है.

माओवादियों के दस्ते में लड़कियां व औरतें भी

एसडीपीओ ने बताया कि अनिल खेरवार ने पुलिस को जानकारी दी है कि माओवादी के दस्ते में कुछ लड़कियां व औरतें भी हैं. लड़कियों को दस्ता में रखने का मुख्य मकसद यह है कि जो नक्सली पहले से संगठन में हैं. वे संगठन छोड़ कर मुख्यधारा में न जुड़े. हर नक्सली दस्ता के किसी ने किसी लड़की के साथ रहता है. इसलिए अभी तक संगठन मजबूत है. नक्सली कमांडर प्रयास करते हैं कि संगठन में अधिक से अधिक लड़की व औरतों को शामिल किया जाये, जिससे युवक नक्सली संगठन से बंधे रहें.

पांच किमी दूर तक रहती है निगरानी

पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार माओवादी अनिल खेरवार ने बताया कि माओवादी जिस जगह पर रहते हैं, वहां से पांच किमी पहले तक किसी लड़के के वहां की निगरानी व पुलिस गतिविधि की सूचना देने के लिए रखते हैं. इससे जब पुलिस उक्त स्थल पर निकलती है, तो उक्त लड़के द्वारा उनलोगों तक खबर भेज दिया जाता है, जिससे उक्त स्थल तक पुलिस के पहुंचने में लगभग एक घंटे लग जाता है. तब तक माओवादी दूसरी ओर निकल जाते हैं. इसलिए पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ता है.

Posted By : Sameer Oraon

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