आदिवासियों ने जाहेरथान के पास एनएच का निर्माण रोका, 28 को दिसोम बैसी की बैठक
Tribals Protest in Godda: गोड्डा में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासियों ने कहा कि सबसे पहले सड़क निर्माण कंपनी और प्रशासन को 16 आना रैयतों को नोटिस देना था, मगर नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, डीबीएल कंपनी की ओर से फर्जी ग्राम सभा की गयी. ग्रामीण आदिवासियों का कहना था कि जाहेर थान के पास 10 फीट छोड़कर सड़क निर्माण कराया जाना चाहिए था. इससे जाहेर थान सुरक्षित रह जाता.
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Tribals Protest in Godda: गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट में निर्माणाधीन हंसडीहा-महागामा फोरलेन एनएच पर पोड़ैयाहाट के हरियारी के समीप सड़क के बीचोंबीच जाहेर थान आने से विवाद हो गया है. मंगलवार को एनएचएआइ के लिए सड़क निर्माण कंपनी डीबीएल के कर्मी जेसीबी लेकर सड़क के बीच बने जाहेर थान के पेड़ को हटाने पहुंचे, तो सैकड़ों आदिवासियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. हंगामे के बीच काम को रोक दिया गया.
अधिकारियों ने आदिवासियों को समझाने का किया प्रयास
इसकी जानकारी मिलने पर एसडीओ बैद्यनाथ उरांव, एसडीपीओ अशोक रविदास, बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू, अंचल अधिकारी अमित किस्कू, थाना प्रभारी विनय कुमार आदि मौके पर पहुंचे व विरोध कर रहे आदिवासियों को समझाने का प्रयास किया. बड़ी संख्या में जुटे आदिवासी महिला व पुरूष को देखते हुए पुलिस बल काफी संख्या में बुलायी गयी थी. चार थाने की पुलिस कैंप कर रही थी. आइआरबी के जवान भी मौजूद थे.
- आदिवासियों का आरोप- रैयतों को नोटिस दिये बिना दूसरी जगह बना दिया जाहेर थान
- एसडीओ, डीएसपी सहित 4 थाने की पुलिस 5 घंटे तक प्रशासन रहा मुस्तैद
- दिसोम बैसी को लेकर देर शाम हाट बाजार में करायी गयी माइकिंग
5 घंटे तक चले मान-मनौव्वल के बाद भी नहीं माने लोग
विरोध कर रहे आदिवासी समाज के लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों ने करीब 5 घंटे तक समझाने का प्रयास किया. काफी मान-मनौव्वल की. बावजूद वे लोग किसी की बात को मानने को तैयार नहीं थे. इन लोगों का एक सुर में कहना था कि जाहेर थान आदिवासियों का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है. बगैर ग्रामीणों को विश्वास में लिये दूसरी जगह जाहेर थान का निर्माण कर देना पूरी तरह से गलत है.
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Tribals Protest in Godda: प्रशासन ने नहीं दिया नोटिस
उन्होंने कहा कि सबसे पहले सड़क निर्माण कंपनी और प्रशासन को 16 आना रैयतों को नोटिस देना था, मगर नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, डीबीएल कंपनी की ओर से फर्जी ग्राम सभा की गयी. ग्रामीण आदिवासियों का कहना था कि जाहेर थान के पास 10 फीट छोड़कर सड़क निर्माण कराया जाना चाहिए था. इससे जाहेर थान सुरक्षित रह जाता.
प्रशासन के साथ मिलकर डरा रही कंपनी – राजेश हांसदा
युवा नेता राजेश हांसदा ने कहा कि उनका विरोध सर्वे के समय से ही था. मगर एनएचएआइ मनमाने तरीके से काम करा रहा है. सड़क निर्माण कंपनी प्रशासन के साथ मिलकर आदिवासियों को डरा रही है. इस दौरान प्रशासन और ग्रामीणों की वार्ता विफल रही. मालूम हो कि एक सप्ताह पहले भी ग्रामीणों ने जोरदार विरोध किया था.
28 को होगा आदिवासियों का महाजुटान
पहले आदिवासियों ने मामले को सुलझाने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन मंगलवार की शाम अचानक स्थानीय हाट बाजार में संताल आदिवासियों की ओर से माइकिंग की गयी. माइकिंग कर बताया गया कि संताल परगना स्तर पर दिसोम बैसी की बैठक हरियारी में बुलायी गयी है. बैठक में हजारों आदिवासी समाज के लोग जुटेंगे.
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